मोंटेक ने यूपीए के कामकाज में गिनाईं ढेरों कमियां
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी चौतरफा आलोचनाएं झेल रही यूपीए सरकार के कामकाज की शैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने 16 मई को पीएमओ को भेजे 14 पृष्ठ के नोट में सरकार की कई...
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने भी चौतरफा आलोचनाएं झेल रही यूपीए सरकार के कामकाज की शैली पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने 16 मई को पीएमओ को भेजे 14 पृष्ठ के नोट में सरकार की कई खामियां गिनाई हैं। मोंटेक ने इस नोट में सरकार के शीर्ष नेतृत्व के पास जरूरत से ज्यादा शक्तियां रहने, विशेषज्ञों की उपेक्षा करने और सार्वजनिक धन के इस्तेमाल में कमजोर नौकरशाहों के चयन जैसी कमियां गिनाई हैं। मोदी को शपथ ग्रहण करने के अगले दिन पीएमओ में यह नोट उपलब्ध होगा।
आरटीआई की आलोचना: मोंटेक ने माना कि भ्रष्टाचार को खत्म करने और पारदर्शिता लाने के लिए यूपीए सरकार सूचना का अधिकार जैसा कानून लाई। मगर यह लोगों को संतुष्ट करने में सफल नहीं रहा।
मंत्रियों पर भी उंगली: मोंटेक ने मंत्रियों की काबिलियत पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कई मंत्रालय अपने कार्यक्रमों को लेकर यह आकलन करने में पूरी तरह असफल रहे कि इनसे मनमुताबिक नतीजे मिलेंगे या नहीं। उन्होंने यूपीए द्वारा हर राज्य के दो जिलों में यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम लागू करने के तरीके की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पर्याप्त अनुभव के बिना ऐसी योजना शुरू करने से बचना चाहिए था।
महंगाई और विकास पर: योजना आयोग के उपाध्यक्ष ने महंगाई और विकास को लेकर कहा कि सरकार को एक ऐसी इकाई बनानी चाहिए थी जो निश्चित अंतराल पर इनकी समीक्षा करती रहती। मोंटेक ने पीएम की आर्थिक सलाहकार परिषद को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि इसकी रिपोर्ट समय रहते मंत्रालयों तक नहीं पहुंचाई जाती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर: इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी सुधार कार्य सफल नहीं रहे। खास तौर पर रेलवे और बंदरगाहों के मामले में।
Hindustan Times