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इस साल सूबे में लगेंगे 120 लाख नए हैंडपंप

तापमान चढ़ने के साथ ही सूबे के कई जिलों में पेयजल संकट गहराने लगा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने चापाकल लगाने की दिशा में कोशिशें तेज कर दी है। आचार संहिता के कारण बाधित टेंडर...

इस साल सूबे में लगेंगे 120 लाख नए हैंडपंप
लाइव हिन्दुस्तान टीमWed, 21 May 2014 06:53 PM
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तापमान चढ़ने के साथ ही सूबे के कई जिलों में पेयजल संकट गहराने लगा है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) ने चापाकल लगाने की दिशा में कोशिशें तेज कर दी है। आचार संहिता के कारण बाधित टेंडर प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। वर्ष 2014-15 में पीएचईडी ने 1.20 लाख हैंडपंप लगाने की योजना तैयार की है।

दक्षिण बिहार के 17 जिलों पर खास फोकस किया गया है। यहां ग्राउंड वाटर लेबल काफी नीचे है। इन जिलों में डीप बोर ट्यूबवेल के साथ ही इंडिया मार्का हैंडपंप, टू एंड थ्री लगाया जा रहा है। दो सौ फीट से अधिक गहराई पर बोर किया जा रहा है। पीएचईडी के प्रमुख अभियंता जयशंकर चौधरी के मुताबिक वर्ष 2013-14 में 80 हजार हैंडपंप लगाने का लक्ष्य रखा गया था जिसमें से 78 हजार हैंडपंप लगा दिए गए। इस वित्तीय वर्ष में 1.20 लाख हैंडपंप लगाने का लक्ष्य है। इसमें मुख्यमंत्री चापाकल योजना के 55 हजार हैंडपंप भी शामिल किए गए हैं। 55 हजार हैंडपंप लगाने का प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। हर पंचायत में पांच-पांच हैंडपंप लगाए जाएंगे। बताया कि आर्सेनिक प्रभावित जिलों में डीप बोरिंग कर हैंडपंप लगाए जाएंगे तथा फ्लोराइड प्रभावित जिलों में जो हैंडपंप लगेंगे उनमें ट्रीटमेंट मशीन भी लगाया जाएगा।

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