नतीजों से नाराज मुलायम सरकार पर सफा
लोकसभा चुनावों में पार्टी की बुरी हार से नाराज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने प्रत्याशियों के साथ पहली बैठक में राज्य सरकार पर अपना गुस्सा निकाला। बैठक में मुख्यमंत्री...
लोकसभा चुनावों में पार्टी की बुरी हार से नाराज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने प्रत्याशियों के साथ पहली बैठक में राज्य सरकार पर अपना गुस्सा निकाला। बैठक में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि मैं सीएम था और 2004 के लोकसभा चुनाव हुए थे तो पार्टी को 36 सीटें मिलीं थीं। तीन सीटों पर उपचुनाव भी सपा जीती थी। अब हमारी सरकार है तो सिर्फ पांच सीटें मिलीं।
सूत्रों के मुताबिक मुलायम ने कहा कि जयललिता, ममता बनर्जी और नवीन पटनायक ने अपने-अपने राज्यों में अच्छा प्रदर्शन किया। वहां उनकी सरकार होने के बावजूद जनता ने उनका साथ दिया। वहां क्यों नहीं कोई लहर दिखी? हम यहां जनता का समर्थन नहीं हासिल कर पाए। मुलायम ने कहा, ऐसे नतीजों पर हम दिल्ली में क्या जवाब देंगे? संसद में कैसे बैठेंगे?
हालांकि मुलायम ने प्रत्याशियों का यह कहते हुए हौसला भी बढ़ाया कि जनता का भरोसा दोबारा प्राप्त करने में जुट जाएं। राजनीति में पूरे आत्मविश्वास से जुटे रहें और कतई निराश न हों। बैठक में वरिष्ठ मंत्री शिवपाल सिंह यादव व बलराम यादव भी मौजूद थे। सपा प्रमुख ने अपने सम्बोधन में कहा कि लोकतंत्र में जनशक्ति सबसे बड़ी है। लिहाजा प्रत्याशियों को जनता के बीच जाकर तत्काल उसका आभार जताना चाहिए।
सपा प्रमुख ने कहा कि जनसामान्य को विश्वास दिलाएं कि उनके सुख-दु:ख में साथ रहेगें। श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार ने किसानों, गरीबों और पिछड़ों के लिए तमाम योजनाएं चलाई हैं। हमारे नेता और पदाधिकारी अगर जनता से जुड़े रहे तो सपा सरकार ने दो वर्ष में जनहित की जो योजनाएं चलाई है जनता उनसे लाभान्वित होगी। वह दोबारा हमारे साथ जुड़ेगी।
सपा की बैठक में प्रत्याशियों भी पूछा गया कि उनकी हार का क्या कारण है। सूत्रों के मुताबिक कई प्रत्याशियों मे कहा कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी के पक्ष में तो माहौल था ही लेकिन उनके खिलाफ पार्टी के ही नेताओं ने काम किया जिससे नतीजे खराब आए। मंत्रियों के खिलाफ प्रत्याशी इतने मुखर थे कि सभी से कहना पड़ा कि वह लिख कर अपनी बात दे दें।
सूत्रों के मुताबिक बैठक के बाद सपा नेतृत्व ने आजमगढ़ से ताल्लुक रखने वाले एक मंत्री व पिछड़ी जातियों को जोड़ने की जिम्मेदारी लेने वाले एक कैबिनेट मंत्री को जमकर फटकार भी लगाई। बैठक में सम्भल के प्रत्याशी शफीकुर्रहमान बर्क ने तो बैठक के बाद बाहर मीडिया से भी कहा कि वह क्षेत्रीय मंत्री इकबाल महमूद के कारण हारे। बकौल बर्क, इकबाल महमूद ने टिकट मिलने के बाद से ही उनका विरोध शुरू कर दिया था। वह चुनाव में बसपा की मदद करते रहे और मेरे खिलाफ काम किया। ध्यान रहे कि बर्क को टिकट दिलाने में सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
वहीं बलिया से हारे प्रत्याशी नीरज शेखर ने लेखा-जोखा पेश करते हुए कहा कि जिले के कैबिनेट मंत्री नारद राय अपने गांव में 55 से ज्यादा वोट नहीं दिलवा पाए। सहारनपुर के प्रत्याशी शाजान मसूद ने कहा कि प्रशासन कांग्रेस के प्रत्याशी इमराम मसूद को हीरो बना दिया। उनकी सुनी ही नहीं। ऐसे में वह क्या चुनाव लड़ते।
सूत्रों के मुताबिक कई अन्य प्रत्याशियों ने भी बैठक में कहा कि पार्टी से भी कई खामियां हुईं। जो हार का कारण बनीं। कई प्रत्याशी बैठक में उन नताओं के खिलाफ मुखर होकर बोलने से कतरा रहे थे जिनकी नकारात्मक भूमिका उनकी हार का कारण बनी। ऐसे कई प्रत्याशियों ने नेतृत्व को लिखित रूप से अपनी बात सौंपी। समझा जा रहा है कि इसमें विस्तार से इसका जिक्र है कि पार्टी की कहां चूक हुई।
एक दर्जन की छिनेगी लाल बत्ती
सपा सरकार के एक दजर्न नेताओं की लाल बत्ती छिनेगी। इनमें कई दर्जा हासिल कैबिनेट व राज्य मंत्री हैं। सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव में करारी हार की समीक्षा के बाद लोकसभा के सपा प्रत्याशियों का सहयोग नहीं करने वाले या उनके खिलाफ काम करने वाले एक दजर्न लोगों की लालबत्ती छीनने की तैयारी है। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा समीक्षा के बाद एक दजर्न लोगों की सूची तैयार कर ली गई है। लेकिन इनको हटाने के आदेश पर अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं लेकिन सूत्रों का कहना है कि ऐसे लोगों को जल्द ही हटा दिया जाएगा।