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अखिलेश संभालेंगे एक ही जिम्मेदारी!

लोकसभा चुनाव में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करने के बाद सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में सरकार और संगठन का घालमेल खत्म करने पर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी...

अखिलेश संभालेंगे एक ही जिम्मेदारी!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 18 May 2014 05:58 PM
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लोकसभा चुनाव में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करने के बाद सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी में सरकार और संगठन का घालमेल खत्म करने पर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अभी सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। माना जा रहा है कि वह इनमें से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक उनके प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ने की संभावना है।
 
चुनाव नतीजों का झटका इतना गहरा है कि शनिवार को भी सत्तारूढ़ पाला इससे उबरने की जद्दोजहद में रहा। बीते कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव शनिवार को लखनऊ लौटे। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी लखनऊ में हैं। शीर्ष नेतृत्व नतीजों पर आपस में चर्चा कर रहा है लेकिन हार के कारणों की समीक्षा जैसी कोई कवायद अभी तय नहीं हुई है। प्रदेश कार्यालय में शनिवार को भी सन्नाटे का माहौल रहा।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी चुनाव नतीजों पर कार्रवाई में हड़बड़ी दिखाने से बचना चाहती है। ताकि उसका कोई नकारात्मक असर न हो। पार्टी का बड़ा तबका ऐसा है जो तमाम वजहों से भरा बैठा है। संगठन से जुड़े लोगों के अलावा विधायकों की अपनी शिकायते हैं। नेतृत्व का मानना है कि ऐसे में हड़बड़ी में कोई कार्रवाई विपरीत असर भी डाल सकती है। लिहाजा नेतृत्व सरकार और संगठन की जिम्मेदारी अलग-अलग करने की कार्ययोजना पर अमल कर सकता है।

रामशरण दास का निधन होने के बाद पार्टी ने शिवपाल सिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। साल 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्हें हटाकर अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाया गया था। अखिलेश के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए ही सपा ने 2012 का विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत पाई। अखिलेश मुख्यमंत्री बने लेकिन प्रदेश अध्यक्ष का पद उनके पास ही रहा लेकिन सरकार के काम-काज की व्यस्तताओं के कारण वह अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी को पूरा वक्त ही नहीं दे सके।
 
सूत्रों के मुताबिक अखिलेश समेत बाकी नेतृत्व को अब अहसास हो रहा है कि दोहरी जिम्मेदारी चल नहीं सकती। यूपी जैसे बड़े प्रदेश में सरकार के मुखिया पद के साथ संगठन के प्रदेश अध्यक्ष का पद भी संभाला नहीं जा सकता। कोई एक पद ही रखना होगा। सरकार और संगठन एक ही व्यक्ति के पास नहीं हो सकता। ऐसे में अखिलेश इनमें से कोई एक पद छोड़ सकते हैं। हालांकि इस पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है लेकिन सूत्रों के मुताबिक सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव उनसे प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी छोड़ने को कह सकते हैं।

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