प्रचार की रणनीति बनाने में विफल रही कांग्रेस
लोकसभा चुनाव में पहली बार तीन अंको का आंकड़ा छूने में नाकाम रही कांग्रेस में हार के कारण तलाशने में जुट गई है। एक दिन पहले तक भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर को झुठला...
लोकसभा चुनाव में पहली बार तीन अंको का आंकड़ा छूने में नाकाम रही कांग्रेस में हार के कारण तलाशने में जुट गई है। एक दिन पहले तक भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की लहर को झुठला रहे रणनीतिकार मानते हैं कि जनता का मूड भांपने में गलती हुई है।
चुनाव में कांग्रेस की इस ऐतिहासिक हार के लिए कई कारण जिम्मेदार है। पार्टी जहां रणनीति बनाने में विफल रही, वहीं प्रचार आखिरी दौर तक जोर नहीं पकड़ पाया। बड़े नेताओं का हार के डर से चुनाव मैदान में उतरने के इनकार से भी कार्यकर्ताओं के हौसले पस्त हुए। वहीं, प्रदेश नेतृत्व से भी कार्यकर्ता नाराज थे।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कई बार सरकार के मंत्रियों और नेताओं को जनता के बीच जाकर अपनी बात रखने की नसीहत दी। पर मंत्रियों ने जनता के बीच जाना तो दूर कार्यकर्ताओं से तक मिलना जरुरी नहीं समझा। नए तरीके से उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया ने भी हार में अहम भूमिका निभाई है। पार्टी रणनीतिकार मानते हैं कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के जरिए देश में जो माहौल बना, कांग्रेस उसका मुकाबला करने में नाकाम रही। पार्टी भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के अक्रामक प्रचार का जवाब देने में भी पूरी तरह विफल रही।
फोटो से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए कृपया फोटो पर क्लिक करें।