संभावित हार की दलीलों का पूर्वानुमान
मैं यह मानकर चल रहा हूं कि आज का अखबार आप शाम पांच या छह बजे से पहले नहीं उठाने वाले और अगर चुनाव परिणाम वैसे ही रहे, जैसे एग्जिट पोल संकेत दे रहे हैं, तो बहुत मुमकिन है कि सुबह से शाम तक आप...
मैं यह मानकर चल रहा हूं कि आज का अखबार आप शाम पांच या छह बजे से पहले नहीं उठाने वाले और अगर चुनाव परिणाम वैसे ही रहे, जैसे एग्जिट पोल संकेत दे रहे हैं, तो बहुत मुमकिन है कि सुबह से शाम तक आप कांग्रेसी नेताओं से इस तरह की दलीलें सुनें- देखिए, ये शुरुआती रुझान हैं। इतनी जल्दी इस पर टिप्पणी करना मैं ठीक नहीं.. जिन ईवीएम की काउंटिंग शुरू हुई हैं, वे सभी शहरी इलाकों की..। एक बार ग्रामीण इलाकों की ईवीएम खुलने दीजिए, फिर तस्वीर बदलेगी, क्योंकि नरेगा की वजह से वहां गरीब किसानों तक काफी फायदा हुआ है।
दो घंटे बाद- देखिए, भले ही हमारी सीटें कुछ कम हुई हों, मगर आप नासा की दूरबीन से देखेंगे, तो आपका पता चलेगा कि दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों में, जहां हमने पिछले विधानसभा चुनावों में काफी बुरा प्रदर्शन किया था, वहां हमारा वोट प्रतिशत 0.00000012 और 0.0000013 फीसदी बढ़ा है। यूपी में बीजेपी ने अगर अच्छा प्रदर्शन किया, तो इसका सीधा श्रेय भी सुरेश रैना की खराब फॉर्म, अल्फांसो आम के निर्यात पर लगी रोक और सपा सरकार के निकम्मेपन को जाता है।
राहुल गांधी की लहर- आप ऐसा कैसे कह सकते हैं कि देश में कहीं राहुल गांधी की लहर नहीं है। हकीकत तो यह है कि राहुल गांधी के करिश्माई नेतृत्व की वजह से ही हम 80 सीटें जीत पाए, वरना आठ भी नहीं जीतते। अमेठी में भी पांच में से चार विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का आगे होना यह बताता देश की अस्सी फीसदी जनता राहुल बाबा को पसंद करती है। जिन 155 लोकसभा सीटों पर राहुलजी ने प्रचार किया, उनमें से बीजेपी का 90 सीटें जीतना यह साबित करता है कि राहुलजी एक स्थिर सरकार देने में सक्षम हैं।
सोनिया गांधी के नेतृत्व की जीत- देखिए, आपको समझना होगा कि बीजेपी का सबसे बड़ा मुद्दा क्या था.. घोटाले। घोटालों का पता कैसे चला.. आरटीआई के जरिये। आरटीआई किसने दिया.. सोनिया जी ने। इसलिए यह कहने में कोई हर्ज नहीं कि अगर आज बीजेपी सरकार बनाने के मुहाने पर खड़ी है, तो इसका सारा श्रेय सोनिया गांधी के कुशल नेतृत्व को जाता है।