नफरत पैदा करने वाले भाषण, सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज
उच्चतम न्यायालय ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग को कार्रवाई का निर्देश देने के लिये दायर जनहित याचिका खारिज...
उच्चतम न्यायालय ने 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कथित रूप से नफरत पैदा करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं के खिलाफ निर्वाचन आयोग को कार्रवाई का निर्देश देने के लिये दायर जनहित याचिका खारिज कर दी है।
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति एनवी रमण की खंडपीठ ने जनहित याचिका खारिज करते हुये कहा कि याचिकाकर्ता की लंबी और महत्वाकांक्षी बहस के बावजूद हम नोटिस जारी करने और निर्वाचन आयोग को निर्देश देने के लिये सहमत नहीं हैं।
न्यायालय ने कहा कि इस तरह के उल्लंघन करने के मामलों में कार्रवाई के लिये जनप्रतिनिधित्व कानून सहित कई कानून हैं। यह जनहित याचिका इलाहाबाद स्थित वकील जफर इमाम नकवी ने दायर की थी। नकवी चाहते थे कि ऐसे नेताओं के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया जाये जो प्रचार के दौरान नफरत पैदा करने वाले भाषण देकर आम आदमी की सुरक्षा खतरे में डालते हैं।
याचिका में ऐसे भाषण देने वाले नेताओं के राजनीतिक दलों की मान्यता खत्म करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया था। न्यायाधीशों ने याचिका खारिज करत हुये कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान दिये गये भाषणों को सही मायने में जनहित याचिका के पायदान पर नहीं रखा जा सकता है।