स्काईवाक और एलिवेटरों के जरिये जुड़ेंगे मेट्रो स्टेशन
राजधानी क्षेत्र में मौजूदा और प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों और खासतौर पर व्यस्त आवागमन वाले स्टेशनों के क्षेत्रों को जल्दी ही अनेक मॉडल वाली परिवहन सुविधाओं से जोडा जाएगा जिनमें ट्रैवलेटर, स्काईवाक और...
राजधानी क्षेत्र में मौजूदा और प्रस्तावित मेट्रो स्टेशनों और खासतौर पर व्यस्त आवागमन वाले स्टेशनों के क्षेत्रों को जल्दी ही अनेक मॉडल वाली परिवहन सुविधाओं से जोडा जाएगा जिनमें ट्रैवलेटर, स्काईवाक और एलिवेटर शामिल हैं।
दिल्ली सरकार मेट्रो स्टेशनों के आसपास के क्षेत्रों में पैदल यात्रियों और वाहनों के यातायात को नियमित करने और इसे नियंत्रित करने के मकसद से अनेक मॉडल वाली परिवहन सुविधा को लागू करने की दिशा में काम कर रही है।
उपराज्यपाल नजीब जंग ने मंगलवार को एकीकृत यातायात और परिवहन आधारभूत संरचना (योजना आभियांत्रिकी) केंद्र (यूटीटीआईपीईसी) के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की जो पहले ही अत्यधिक आवाजाही वाले 44 मेट्रो स्टेशनों में से 9 के लिए विस्तृत योजना पर काम कर चुका है। इन 44 मेट्रो स्टेशनों को इनके आसपास अत्यधिक चहलकदमी के चलते चिहिनत किया गया है।
यूटीटीआईपीईसी दिल्ली मेट्रो के पहले और दूसरे चरण तथा तीसरे व चौथे चरण के मेट्रो स्टेशनों पर एक साथ काम कर रहा है। पहले और दूसरे चरण में डीएमआरसी का काम पूरा हो चुका है लेकिन यहां यातायात को व्यवस्थित करने के लिए योजना जरूरी है। तीसरे, चौथे चरण में शुरूआत से ही यातायात को व्यवस्थित करने की योजना को शामिल करने का विचार है। जंग ने लक्ष्मी नगर, निर्माण विहार, प्रीत विहार, कड़कड़डूमा और छतरपुर मेट्रो स्टेशनों के संबंध में डीएमआरसी को काम करने का निर्देश दिया। आईएनए, एम्स, ग्रीन पार्क और हौज खास मेट्रो स्टेशनों से संबंधित काम लोक निर्माण विभाग को सौंपा गया है।