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दारोगा दूल्हा, दारोगी दुल्हन

दारोगा दूल्हा, दारोगी दुल्हन दारोगा भर्ती लिखित परीक्षा के नतीजे आने के बाद यकीनन प्रदेश में कुंवार पुलिस वालों और कुंवारी पुलिस वालियों की नई लाट मार्केट में आने वाली है। छांटिए, बीनिए, फुटकर या...

 दारोगा दूल्हा, दारोगी दुल्हन
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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दारोगा दूल्हा, दारोगी दुल्हन दारोगा भर्ती लिखित परीक्षा के नतीजे आने के बाद यकीनन प्रदेश में कुंवार पुलिस वालों और कुंवारी पुलिस वालियों की नई लाट मार्केट में आने वाली है। छांटिए, बीनिए, फुटकर या होल सेल में घर ले जाइए। लेकिन, कल्पना भी कीािए कि क्या गुजरगी जब किसी घर का जमाई दारोगा या किसी आंगन की दुल्हन पुलिस वाली होगी।ड्ढr ड्ढr सच्चाई ये है कि दामाद नामक आइटम खरीदने और पालने में बड़े- बड़ों को पसीना आ जाता है। ऊपर से अगर जमाई पुलिस में हुआ तो! घबराइए नहीं, ऐसे जमाई के सास- ससुर, साले- सालियां सीना तानकर किसी से भी पंगा ले सकते हैं। पत्नी गा सकती है - ‘सैंया भए कोतवाल या सिपहिया तो..। ’ पुलिस जमाई ससुराल के लिए बहुत उपयोगी होता है। अपने हित में उसका कई प्रकार से प्रयोग किया जा सकता है। उन्हें अगर मोटा दहेा देकर रिश्तेदार बनाना पड़े तो भी घाटा नहीं। वे खुद की माली हालत सुधारने के बाद ससुराल की भी सुधार सकते हैं। राशन- पानी से लेकर घर- गृहस्थी की कोई भी चीज जुटाना उनके बांये हाथ का खेल है। हां, एक दिक्कत है। ऐसे दामाद यदि किस्तों में दहेा की फरमाइश करं तो किसमें इतना बूता है कि रिपोर्ट लिखा सके।ड्ढr ड्ढr अब आइए पुलिस दुल्हनों पर! दुल्हनों से आमतौर पर कोमलांगी होने और घूंघट, सास- ससुर की सेवा, बच्चे पालने और गृहस्थी के कामकाज करने की अपेक्षा की जाती है। मगर, वर्दी में सुसज्जित बहू किस ऐंगल से कोमलांगी लग सकती है, ये बात दिमाग-ए-शरीफ में घुसना मुश्किल है। उनके सास- ससुर तो मनाएंगे कि सुबह उठकर वे चरण स्पर्श करं या न करं लेकिन कम से कम टांग न घसीटें। ऐसी दारोगा भाभी या साली से कौन कम्बख्त मजाक करने की हिमाकत कर सकता है। हो सकता है कुछ पतियों को ही हनीमून से पहले अग्रिम जमानत करानी पड़े।

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