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ग्रामीण महिलाओं ने बनाई वीडियो फिल्में

थानीय रूप से उगाई जाने वाली फसलों में जान कैसे डाली जा सकती है, भंडारण की स्थानीय प्रणाली कैसे विकसित की जाए, बीजों की सार-संभाल कैसे की जाए और समुदाय के सबसे कमजोर एवं जरूरतमंद तबके तक यह आसानी से...

 ग्रामीण महिलाओं ने बनाई वीडियो फिल्में
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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थानीय रूप से उगाई जाने वाली फसलों में जान कैसे डाली जा सकती है, भंडारण की स्थानीय प्रणाली कैसे विकसित की जाए, बीजों की सार-संभाल कैसे की जाए और समुदाय के सबसे कमजोर एवं जरूरतमंद तबके तक यह आसानी से कैसे पहुंचे, इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए आंध्र प्रदेश की ग्रामीण महिलाओं ने कुछ वीडियो फिल्मों का निर्माण किया है। ये फिल्में खाद्यान्न उत्पादन, बीजों, प्राकृतिक संसाधनों और बाजारों में पुन: स्वायत्ता पाने में आंध्र प्रदेश के पिछड़े इलाके मेडक की अनपढ़ और दलित महिलाओं के अनुभवों को प्रस्तुत करती हैं। फिल्मों के माध्यम से इन महिलाओं ने अपने स्वदेशी ज्ञान को प्रदर्शित किया है। आंध्र प्रदेश के महिला किसान संगठन कम्युनिटी मीडिया ट्रस्ट ने एफर्मिग लाइफ एंड डायवर्सिटी: रूरल इमेजिस एंड वाइसिज आन फूड सोवरनिटी नामक मल्टीमीडिया पब्लिकेशन लांच किया। इसमें शामिल फिल्में टिकाऊ स्थानीय खाद्य प्रणालियों, कृषि जव विविधता और आजीविका पर बनाई गई हैं। एसी ही एक फिल्म के निर्माण से जुड़ी 35 वर्षीय मनसागिरी ने बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली चलाने के उनके अनुभव ने सिखाया कि स्थानीय रूप से उगाई जाने वाली सोरधम और ज्वार-बाजर की फसलों में नई जान कैसे फूंकी जा सकती है। बाहरी दुनिया को कृषि संबंधी अपने पारंपरिक ज्ञान के बार में बताने और उसके संरक्षण के मकसद से उन्होंने अपनी फिल्म बनाई है। 40 वर्षीय सूरम्मा बीजों के संरक्षण का काम करती हैं। वह कहती हैं जब से मैंने कैमर का इस्तेमाल सीखा है तब से अपने समुदायिक ज्ञान का भंडारण कर रही हूं और बाहरी दुनिया को उसके बार में जानकारी दे रही हूं।ड्ढr ग्रामीण महिलाओं की छवियों और विचार पेश करने के लिए डक्कन डेवलपमेंट सोसायटी से जुड़े कम्युनिटी मीडिया ट्रस्ट की स्थापना की गई थी। इसका उद्ेश्य एक एसे वैकल्पिक मीडिया का निर्माण करना है जहां स्थानीय समुदाय की पहुंच आसान हो और नियंत्रण भी उसका ही हो। इस संगठन में 20 महिलाएं शामिल हैं, जिनमें से 17 डिािटल फोर्मेट में और तीन रडियो से जुड़ी हैं।ड्ढr डक्कन डेवलपमेंट सोसायटी के डायरक्टर पी वी सतीश ने कहा कि महत्वपूर्ण बात महिलाओं द्वारा एक स्वायत्त मीडिया की कमान अपने हाथों में लेना है। हमने एक एसा माध्यम चुना जिसे अनपढ़ लोग भी समझ सकें। ं

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