लैंडमाइंस पता लगाने की तकनीक के करीब पहुंचे वैज्ञानिक
बारूदी सुरंग और भूमिगत बमों से भारी संख्या में होने वाली जान माल की क्षति को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इस दिशा में शोध करते हुए विस्फोटकों को फटने से पहले ही पता लगा लेने की एक तकनीक के करीब पहुंचने...
बारूदी सुरंग और भूमिगत बमों से भारी संख्या में होने वाली जान माल की क्षति को देखते हुए वैज्ञानिकों ने इस दिशा में शोध करते हुए विस्फोटकों को फटने से पहले ही पता लगा लेने की एक तकनीक के करीब पहुंचने का दावा किया है।
वैज्ञानिकों को इस शोध के करीब पहुंचाया है एक समुद्री झींगे और शिकार तक पहुंचने की उसकी कार्यप्रणाली ने। फ्लोरिडा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि समुद्री झींगे अपने नाक के ऊपर निकले बालों का प्रयोग सेंसर के रुप में करके अपने भोजन की गंध पा लेते हैं। वैज्ञानिक इसी तकनीक का सहारा लेकर भूमिगत बमों और बारुदी सुरंगों का पता लगाने वाले उपक रणों का विकास निकट भविष्य में कर सकते हैं।
इस तकनीक के आविष्कार से दुनिया भर के सैनिकों को फायदा मिलेगा जो बारूदी सुरंग विस्फोटों में अपनी जान गवां देते है।