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शीत युद्ध का केंद्र बन रहा क्रीमिया, रूस पर प्रतिबंध

क्रीमिया में हुये जनमत संग्रह को वैध मानते हुये उसे संप्रभु राष्ट्र की मान्यता देने वाले रूस और क्रीमिया के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुये अमेरिका और यूरोपीय संघ ने उनकी यात्रा पर प्रतिबंध...

शीत युद्ध का केंद्र बन रहा क्रीमिया, रूस पर प्रतिबंध
एजेंसीTue, 18 Mar 2014 06:41 PM
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क्रीमिया में हुये जनमत संग्रह को वैध मानते हुये उसे संप्रभु राष्ट्र की मान्यता देने वाले रूस और क्रीमिया के कई अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुये अमेरिका और यूरोपीय संघ ने उनकी यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और उनकी संपत्ति जब्त करने की घोषणा की है।

यूक्रेन को लेकर पश्चिमी देशों के साथ तनाव के कारण रूस के समूह-8 की बैठक में शामिल होने पर अस्थायी रोक लगा दी गई है। यूरोप वन रेडियो ने फ्रांस के विदेश मंत्री लारेंट फैबियस के हवाले से कहा कि हमने जी-8 की बैठक में रूस के शामिल होने पर अस्थायी रोक लगा दी है। फैबियस ने कहा कि जी-8 के शेष सात सदस्य देश एकजुट रहेंगे। फैबियस ने इसका ब्यौरा नहीं दिया।

आधिकारिक विज्ञाप्ति के अनुसार अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस के साथ ही क्रीमिया के उन अधिकारियों की यात्रा पर प्रतिबंध लगाने और संपत्ति जब्त करने की घोषणा की है जो क्रीमिया को यूक्रेन से अलग करने की साजिश में शामिल हैं।

क्रीमिया में हुये जनमत संग्रह का परिणाम आने के कुछ घंटे बाद ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया को संप्रभु राष्ट्र की मान्यता देने की घोषणा कर दी थी, जबकि अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ आदि ने इसके असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दिया है।

क्रीमिया के मसले पर अब अमेरिका और रूस दो गुट बन गये हैं, जिसमें विभिन्न देश अपना-अपना पक्ष लेने लगे हैं। अमेरिका और रूस के खेमे बंटने से दूसरे शीत युद्ध की संभावना अब प्रबल हो गयी है। प्रतिबंध लगाने के कदम के खिलाफ रूस ने पहले ही कडी़ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि राष्ट्रपति बराक ओबामा के आदेश के अनुसार रूसी नेताओं से जुडे़ हथियार बनाने वाले लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाया गया है। ओबामा ने क्रीमिया पर कब्जा जमाने और इसमें पुतिन को सहयोग देने वाले रूस और यूक्रेन के 11 अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की थी।

इसके साथ ही ब्रूसेल्स में यूरोपीय संघ के 28 देशों के विदेश मंत्री भी यूक्रेन में तनाव बढा़ने में शामिल रूस और यूक्रेन के 21 अधिकारियों का वीजा रद्द करने और उनकी संपत्ति जब्त करने पर सहमत हो गये हैं। इनमें क्रीमिया और यूक्रेन की सीमा पर तैनात तीन रूसी सैन्य कमांडर भी शामिल हैं।

पुतिन ने क्रीमिया के जनमत संग्रह का जबरदस्त समर्थन किया है और उन्होंने इस संबंध में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल से कहा है कि यूक्रेन के क्रीमिया क्षेत्र में जनमत संग्रह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किया गया है। पुतिन ने कहा है कि वह क्रीमिया के लोगों के फैसले का सम्मान करने का वादा करते हैं। पुतिन ने कहा है कि क्रीमिया के लोगों की भावनाओं का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत पूरी तरह से पालन किया जायेगा।

दूसरी तरफ, अमेरिका और यूरोपीय संघ की तर्ज पर जापान ने भी क्रीमिया के जनमत संग्रह को मान्यता देने से इंकार करते हुए रुस से कहा है कि वह इस क्षेत्र को अपने देश में शामिल न करे। क्रीमिया के मसले पर मध्य मार्ग अपनाने वाले चीन ने एक बार फिर वहां शांति और संयम बनाये रखने की अपील की है। चीन ने कहा है कि राजनीतिक समझौता ही यूक्रेन की समस्या के समाधान का एक रास्ता है।

यूक्रेन का कहना है कि रूस ने यह जनमत संग्रह हथियार के जोर पर अपने पक्ष में कराया है। यूक्रेन का आरोप है कि रूस ने गत फरवरी ही भारी संख्या में अपने जवानों की तैनाती क्रीमिया में कर दी थी और मार्च में रूसी सेना ने कई सैन्य अड्डों पर कब्जा जमा लिया। पश्चिमी देशों ने भी जनमत संग्रह को इसी नजरिये से देखा है। उनके मुताबिक रूस ने यूक्रेन की संप्रभुता पर हमला बोलकर उसके एक हिस्से पर अपना कब्जा जमाया है।

रूस और अमेरिका बीच बढ़ती खाई तब दिखायी दी जब यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्‍टर यानुकोविच ने यूरोपीय संघ के बजाय रूस को तरजीह दी। जनमत संग्रह के बाद अमेरिका ने जिन पर प्रतिबंध लगाया है उनमें रूसी राष्ट्रपति के शीर्ष सलाहकार, क्रीमिया के प्रधानमंत्री सर्गेई अकसियोनोव, क्रीमिया के पार्लियामेंट के स्पीकर आदि भी शामिल हैं। जापान ने भी रूस पर प्रतिबंध लगाया है। उसने वीजा नियमों में ढील देने के लिये की जा रही बातचीत स्थगित कर दी है।

क्रीमिया के मुद्दे पर रूस की सख्ती को देखते हुये अमेरिका ने अपनी गुटबाजी तेज कर दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति अगले सप्ताह यूरोप के दौरे पर जाने वाले हैं, जबकि उप राष्ट्रपति जोय बिडेन क्षेत्र में अपने सहयोगियों से बातचीत करने कल ही पोलैंड और लिथुआनिया के दौरे पर निकल गये हैं।

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