धान का समर्थन मूल्य 1000 प्रति क्िवंटल हो
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 850 रुपये प्रति क्िवंटल तय किए जाने पर असंतोष जताते हुए केन्द्र सरकार से मांग की है कि वह इस मूल्य को कम से कम एक हाार रुपये प्रति...
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 850 रुपये प्रति क्िवंटल तय किए जाने पर असंतोष जताते हुए केन्द्र सरकार से मांग की है कि वह इस मूल्य को कम से कम एक हाार रुपये प्रति क्िवंटल कर। उन्होंने कहा है कि धान के तय हुए न्यूनतम समर्थन मूल्य से बिहार के किसानों की उपेक्षा हुई है। केन्द्र सरकार ने पिछले साल सामान्य श्रेणी के धान का बोनस सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य 745 रुपये तय किया था और 2008-0में इसे 850 रुपये किया है जो कृषकों के लिए अहितकारी है।ड्ढr ड्ढr श्री मोदी ने कहा है कि कमीशन ऑन एग्रीकल्चरल कॉस्टस एंड प्राइसेस ने गेहूं के बराबर ही धान का न्यूनतम समथर्न मूल्य तय करने की अनुशंसा की है। केन्द्र सरकार ने पिछले वर्ष इस अनुशंसा की अनदेखी कर धान का बोनस सहित न्यूनतम समर्थन मूल्य 745 रुपये प्रति क्िवंटल तय किया था जबकि गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य एक हाार रुपये प्रति क्िवंटल तय हुआ था।ड्ढr ड्ढr इस वर्ष भी धान का समर्थन मूल्य मात्र 850 रुपये प्रति क्िवंटल तय करने से बिहार के किसानों को घाटा होगा क्योंकि यहां के किसान अधिकतर धान की ही खेती करते हैं। सिंचाई संसाधनों की कमी के कारण भी यहां धान का उत्पादन अधिक व्ययकारी है। किसानों को धान की खेती के लिए वर्षा पर ही निर्भर रहना पड़ता है। किसानों को उम्मीद थी कि इस बार केन्द्र सरकार धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य गेहूं के बराबर ही तय करगी लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है।