धनबाद के 245 गांवों में नहीं पहुंचा नरगा
जिले के 245 गांवों में ढाई वर्ष बाद भी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरगा) की एक भी योजना नहीं पहुंच पायी है। यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की साफ हिदायत है कि सूबे में कोई भी...
जिले के 245 गांवों में ढाई वर्ष बाद भी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरगा) की एक भी योजना नहीं पहुंच पायी है। यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की साफ हिदायत है कि सूबे में कोई भी गांव एसा नहीं बचना चाहिए, जहां नरगा की कोई न कोई योजना नहीं चल रही हो। धनबाद जिले में नरगा को फरवरी 2006 में लागू किया गया था।ड्ढr सरकारी आंकड़े के मुताबिक जिले के आठ प्रखंडों में कुल 1348 गांव हैं। इनमें धनबाद और झरिया को हटा देने पर 1205 गांव बचते हैं। एसा इसलिए कि धनबाद और झरिया शहरी क्षेत्र है और इसका ज्यादातर इलाका नगर निगम कवर करता है। नरगा केवल ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हैं। साथ ही इन दोनों प्रखंडों में जो ग्रामीण क्षेत्र बचे हुए भी हैं। वहां कोयले की बहुलता है। जिसके चलते वहां मिट्टी का काम कराना मुश्किल है।ड्ढr नरगा के तहत संबंधित सभी गांवों में कम से कम तीन योजनाएं लेने के निर्देश कई बार बीडीओ को दिये गये। इसके बावजूद छह प्रखंडों में बीस प्रतिशत से अधिक गांवों में नरगा के तहत कोई योजना नहीं लिया जाना आश्चर्यजनक है। नरगा से वंचित गांवों में बाघमारा प्रखंड अव्वल है। यहां 101 गांव इस योजना से वंचित है। उग्रवाद प्रभावित टुंडी प्रखंड के 5गांव भी नरगा की योजनाओं से महरूम हैं। इसके अलावा बलियापुर में आठ, तोपचांची में 15, निरसा में 33, तथा गोविंदपुर में 23 गांव में नरगा की कोई योजना नहीं ली गयी है। इससे इन गांवों के लोग केद्र सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लाभ नहीं उठा पाये। पिछले माह यहां निरीक्षण को आये नरगा के राष्ट्रीय मोनिटर जेसी जैना ने भी पाया था कि गोविंदपुर प्रखंड के कुछ गांवों में लोग नरगा के तहत काम चाहते हैं। लेकिन, ग्रामीणों के पास न तो जॉब कार्ड था और न ही उन्हें इस योजना की पूरी जानकारी थी।ड्ढr सभी बीडीओ को शो-कॉज : डीडीसीड्ढr उप विकास आयुक्त मो. बदरूज्जमा अंसारी ने कहा है कि नरगा से वंचित गांवों के मामले में सभी जिम्मेवार बीडीओ को शो-कॉज नोटिस किया गया है। उन्हें यह बताने को कहा गया है कि क्यों नहीं अब तक वहां नरगा की कोई योजना ली गयी। हर बीडीओ से गांव वार नरगा के नहीं लिये जाने का कारण बताने को कहा गया है। कई बीडीओ का कहना है कि कोयला बहुल क्षेत्र होने के कारण वहां नरगा का काम करने को कोई तैयार नहीं है।ड्ढr नरगा से वंचित कुछ प्रमुख गांवड्ढr बाघमारा-बहियारडीह, गोविंदपुर, बगदाहा, मोहनपुर, नावागढ़, डुमरियाटांड़ (कुल-101 गांव)।ड्ढr बलियापुर- बरमुरी, चांद भुइयां, सपताह, मोहनपुर, आमगाढ़ा, परसबनिया पार्ट (कुल-8)ड्ढr तोपचांची-भागोडीह, खाटूडीह, रामकनाली,भेलाटांड़, धर्मपुर, रजदाह (कुल-15)।ड्ढr निरसा- चन्द्रानी छेला, झागलपुर, अमलाबाद, फतेहपुर, अलकुसा, आस्थाबाद, रांगामटिया, बंदरचुआं (कुल-33)।ड्ढr टुंडी-बूंद आहर, तोपाटांड़, गोपालडीह, बसदुआ, भोजूडीह, सतवाटांड़ (कुल-5।ड्ढr गोविंदपुर-तियाडीहा, खंडेरी, चटनीडीह, बनपुरा, सपनपुर, सुगना (कुल-23)।