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बिजली के लिए हाहाकार, महंगी बिजली भी नहीं मयस्सर!

सूबे में लगातार गहराते बिजली संकट के मद्देनजर अब महंगी बिजली खरीद पर भी ग्रहण लग गया है।ग्रीड में ‘लो फ्रिक्वेंसी’ के कारण अब महंगी बिजली लेने पर भी रोक लग गई है। सेन्ट्रल सेक्टर से आपूर्ति में 400...

 बिजली के लिए हाहाकार, महंगी बिजली भी नहीं मयस्सर!
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सूबे में लगातार गहराते बिजली संकट के मद्देनजर अब महंगी बिजली खरीद पर भी ग्रहण लग गया है।ग्रीड में ‘लो फ्रिक्वेंसी’ के कारण अब महंगी बिजली लेने पर भी रोक लग गई है। सेन्ट्रल सेक्टर से आपूर्ति में 400 मेगावाट की कटौती के बाद गहर संकट में फंसे बिहार बिजली बोर्ड यूआई के तहत 200 मेगावाट बिजली हर रोज खरीद रहा था।ड्ढr बीती रात ग्रीड में फ्रिक्वेंसी कम हो जाने के कारण अब वह बिजली भी नसीब नहीं हो रही। ऐसे में अब बिहार के सामने बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई है। पूर सूबे में बिजली के लिए हाहाकार है। राजधानी पटना में भी जमकर लोड शेडिंग हो रहा है और अधिसंख्य मुहल्लों में बिजली आने-जाने का सिलसिला दिन और रात जारी है।ड्ढr ड्ढr सेन्ट्रल सेक्टर से बिहार को 1553 मेगावाट बिजली आवंटित है जबकि आपूर्ति सामान्य दिनों में 00-1100 मेगावाट तक होती है। इस समय एनटीपीसी के तालचर, फरक्का, कहलगांव की पांच इकाइयों के ठप हो जाने के कारण सेन्ट्रल सेक्टर से आपूर्ति घटकर 600 मेगावाट से भी कम हो गई है। सूबे का अपना कांटी बिजलीघर में भी तकनीकी कारणों से उत्पादन ठप हो जाने से संकट और गहरा गया है। कम से कम दो दिनों तक कांटी बिजलीघर से उत्पादन की संभावना भी नहीं है। ऐसे में यूआई के तहत अतिरिक्त बिजली खरीद कर बिहार संकट से निजात दिलाने की कोशिश में जुटा था। अब वह भी बंद है। बीती रात बिजली बोर्ड ने अधिकतम 50 मेगावाट बिजली ही यूआई के तहत लिया।

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