दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश, विधानसभा निलंबित
दिल्ली विधानसभा भंग करने की निवर्तमान सरकार की सिफारिश को उप-राज्यपाल नजीब जंग द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद माना जा रहा है कि उन्होंने विधानसभा को निलंबित रखते हुए दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने...
दिल्ली विधानसभा भंग करने की निवर्तमान सरकार की सिफारिश को उप-राज्यपाल नजीब जंग द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद माना जा रहा है कि उन्होंने विधानसभा को निलंबित रखते हुए दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने का सुझाव दिया है।
केंद्र को भेजी गयी रिपोर्ट में जंग ने 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा को भंग करने की अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली मंत्री-परिषद की सिफारिश नहीं मानी। केजरीवाल मंत्री-परिषद ने कल रात बैठकर इस्तीफा देने का फैसला किया था।
उप-राज्यपाल के इस कदम की वजह से किसी भी राजनीतिक पार्टी या गठबंधन के लिए सरकार बनाने का विकल्प खुला रहेगा।
सूत्रों ने बताया कि जंग ने केंद्र से कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाए क्योंकि फिलहाल कोई भी पार्टी वैकल्पिक सरकार बनाने की स्थिति में नहीं है । उप-राज्यपाल की सिफारिश पर आखिरी फैसला केंद्र सरकार को करना है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि वह कानून मंत्रालय की राय लेंगे और आखिरी फैसले के लिए तथ्यों को केंद्रीय कैबिनेट के सामने रखेंगे।
पिछले साल दिसंबर में हुए विधानसभा चुनावों में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पाया था। केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी :आप: ने दिसंबर में ही कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनायी थी।
दिल्ली विधानसभा में कल जनलोकपाल विधेयक पेश करा पाने में नाकाम रहने के बाद आप सरकार ने इस्तीफा दे दिया था और विधानसभा भंग करने के बाद फिर से चुनाव कराने की सिफारिश की थी। उप-राज्यपाल ने रिपोर्ट के साथ अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा भी भेजा है । केजरीवाल के पत्र को स्वीकार करने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि महाराष्ट्र में मौजूद सुशील कुमार शिंदे को उप-राज्यपाल की रिपोर्ट के बारे में बता दिया गया है।