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कांग्रेस ने करार पर रुख किया कुछ नरम

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के त्यागपत्र की अटकलनुमा अफवाहों के बीच कांग्रेस और यूपीए के महत्वपूर्ण घटक दलों ने परमाणु करार के लिए अपनी प्रतिबद्धता का क्षहार किया है लेकिन यह भी साफ किया है कि इसके लिए...

 कांग्रेस ने करार पर रुख किया कुछ नरम
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के त्यागपत्र की अटकलनुमा अफवाहों के बीच कांग्रेस और यूपीए के महत्वपूर्ण घटक दलों ने परमाणु करार के लिए अपनी प्रतिबद्धता का क्षहार किया है लेकिन यह भी साफ किया है कि इसके लिए चार साल से सरकार को समर्थन दे रहे वाम दलों को नाराज नहीं किया जाएगा। एक दिन पहले तक करार पर आर या पार की बात करती रही कांग्रेस ने शुक्रवार को अपना रुख कुछ नरम करते हुए कहा कि परमाणु करार राष्ट्रहित में है, लेकिन सरकार के रहने पर ही इसे लागू किया जा सकता है। इसके साथ ही पार्टी नेने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के के इस्तीफे की पेशकश से जुड़ी अटकलों को खरिा किया है। वे वायरल बुखार से ग्रस्त हैं। इस बीच विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपनी आस्ट्रेलिया यात्रा कुछ घंटों के लिए टाल दी है। वे अब रविवार सुबह की जगह शाम को रवाना होंगे। उन्होंने रक्षा मंत्री ए के एंटनी के साथ माकपा महासचिव प्रकाश करात से मिल बीच का रास्ता निकालने की कोशिश की। लेकिन समझा जाता है उन्हें इसमें कामयाबी नहीं मिली। वह अब मध्य प्रदेश के दौरे से लौटीं यूपीए की अध्यक्षोंोनिया गांधी को ब्रीफ करने के बाद ही आस्ट्रेलिया जाएंगे। यूपीए के घटक दलों ने साफ किया है कि वे परमाणु करार पर सरकार के साथ एकाुट हैं, लेकिन समय से पहले चुनाव के पक्ष में नहीं। शुक्रवार की सुबह माकपा नेता प्रकाश करात और दोपहर में विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी से मुलाकात के बाद राकांपा के अध्यक्ष शरद पवार ने कहा कि करार जरूरी है लेकिन वाम दलों की नाराजगी की कीमत पर नहीं। यूपीए के लोगों के लिए संतोष की बात यही रही कि करार के खिलाफ कठोर और अड़ियल रुख रखने के बावजूद वाम नेताओं ने शुक्रवार को यूपीए के नेताओं से बातचीत और मुलाकात जारी रखी। यूपीए के घटक दल अभी भी बीच बचाव का रास्ता ढूंढ़ निकालने की कोशिश में हैं। कांग्रेस के प्रवक्ता शकील अहमद के अनुसार वाम दलों ने चार साल तक सरकार का साथ दिया है। हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि आगे भी उन्हें साथ लेकर चलें। सरकार ने करार को लेकर कोई भी कदम वाम दलों की सहमति से ही आगे बढ़ाया है। उनकी राामंदी से ही सरकार अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊरा एजेंसी के पास गई और आगे भी हम वामदलों को साथ लेने का हर संभव प्रयास करेंगे।

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