छोटा उपकरण करेगा अग्नाश्य कैंसर का निदान
वैज्ञानिक अब क्रेडिट कार्ड के आकार का एक कम मूल्य वाला उपकरण बना रहे हैं जो अग्नाशय कैंसर का निदान करने में चिकित्सकों की मदद कर सकता है। ऊतक को संसाधित करने के लिए मानवीय हाथों के बजाय तरल पदार्थ...
वैज्ञानिक अब क्रेडिट कार्ड के आकार का एक कम मूल्य वाला उपकरण बना रहे हैं जो अग्नाशय कैंसर का निदान करने में चिकित्सकों की मदद कर सकता है।
ऊतक को संसाधित करने के लिए मानवीय हाथों के बजाय तरल पदार्थ पर निर्भर होकर यह प्रारूप बायोप्सी प्रक्रिया के बुनियादी कदमों के लिए काम कर सकता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन (यूडब्ल्यू) के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के शोध प्रोफेसर एरिक सीबेल ने बताया, ''उम्मीद है यह प्रक्रिया अधिक तेजी से निदान करने में पैथोलॉजिस्ट की मदद करेगी और कैंसर कैसे हुआ, इसका पता लगाने में उन्हें और सक्षम बनाएगी।''
माइक्रोफ्ल्यूडिक छोटे चैनलों माध्यम से बिना किसी बाहरी दबाव के, ऊतकों को गतिमान करने और रोकने में सक्षम बनाते हैं।
प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक सीरेंज की सुई के माध्यम से ऊतक बायोप्सी निकले तरल पदार्थ को सीधे इस उपकरण में जमा किया जाता है।
यह नई तकनीक अनिवार्य रूप से स्वाचालित होगी और पैथोलॉजी लैब में कैंसर का पता लगाने वाली प्रक्रिया को सरल बनाएगी।
यूडब्ल्यू में बायोइंजीनियरिंग में शोधकर्ता रोनी दास ने बताया कि नई तकनीक सभी ऊतक बायोप्सी की प्रक्रिया और विश्लेषण 3-डी छवि में करेगी जो टय़ूमर के सेल्युलर मेकअप की पूर्ण तस्वीर पेश करती है।
विदेशों में इस तकनीक का प्रयोग काउंटर किट के तौर पर किया जा सकेगा।
आग्नाशय का कैंसर एक घातक बीमारी है। पांच वर्षो में इस बीमारी के लगभग 94 प्रतिशत रोगियों की मौत हो जाती है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि वर्ष 2013 में यह शीर्ष 10 घातक कैंसरों में से एक था।