निजी स्कूलों की फीस तय करने पर मांगा जवाब
हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों की फीस तय करने के मामले में दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है। हाईकोर्ट ने सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि इन स्कूलों की फीस तय करने के बारे में क्या...
हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने निजी स्कूलों की फीस तय करने के मामले में दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया है। हाईकोर्ट ने सरकार से यह बताने के लिए कहा है कि इन स्कूलों की फीस तय करने के बारे में क्या कदम उठाया जा रहा है। कोर्ट ने सरकार से यह भी बताने के लिए कहा है कि इन स्कूलों की फीस तय करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अमल क्यों नहीं किया गया है। हाईकोर्ट ने 26 मार्च तक जवाब देने को कहा है।
चीफ जस्टिस एन. वी. रमन और जस्टिस राजीव सहाय एंडलॉ की पीठ ने यह आदेश गैर सरकारी संगठन ‘जस्टिस फॉर ऑल’ की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में उन स्कूलों की फीस तय करने की मांग की गई है जो सरकारी जमीन पर बने हैं। पीठ ने सुनवाई के दौरान पिछले आदेश के बावजूद जवाब नहीं देने पर दिल्ली सरकार की कड़ी खिंचाई की है। पीठ ने कहा कि आपने (सरकार) स्कूल खोलने के लिए सोसायटियों को जमीन दी है तो उन पर नजर रखना भी आपकी जिम्मेदारी है।
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता खगेश झा ने हाईकोर्ट को बताया कि दिल्ली सरकार के अनुमोदन पर डीडीए ने राजधानी में 410 स्कूलों को सस्ती दरों पर जमीन आवंटित की थी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के वर्ष 2004 के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि 9 साल बीत जाने के बाद भी सरकार कुछ नहीं कर रही है। इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन पर बने स्कूलों का फीस तय करने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट का आदेश
दिल्ली सरकार की खिंचाई करते हुए 26 मार्च तक जवाब देने को कहा
स्कूल सोसायटी को सस्ती जमीन दी है तो नजर रखना भी सरकार की जिम्मेदारी