छह सप्ताह में रिचाल्ट एक साल में सिर्फ 87 दिन होती है पढ़ाइ
राज्य की यूनिवर्सिटियों में यूजीसी के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। यूजीसी के निर्देशानुसार यूनिवर्सिटी में 180 दिन की पढ़ाई होनी चाहिए। अलग राज्य बनने के बाद किसी भी यूनिवर्सिटी इस निर्देश का पालन...
राज्य की यूनिवर्सिटियों में यूजीसी के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। यूजीसी के निर्देशानुसार यूनिवर्सिटी में 180 दिन की पढ़ाई होनी चाहिए। अलग राज्य बनने के बाद किसी भी यूनिवर्सिटी इस निर्देश का पालन नहीं हो रहा है।ड्ढr छात्र संघठनों की ओर से समय-समय पर मांग उठायी जाती रही है कि 180 दिन पढ़ाई की व्यवस्था हो। सबसे बुरा हाल रांची यूनिवर्सिटी का है। यहां एक साल में सिर्फ 87 दिन की ही पढ़ाई होती है। दिलचस्प तो यह है कि पूछने पर मास्टर कैलेंडर दिखा दिया जाता है। इस कैलेंडर में 210 दिन का शिडय़ूल दर्शाया गया है। हकीकत यह है कि रांची यूनिवर्सिटी में हर साल मार्च, अप्रैल, मई और जून में इंटर, ग्रेजुएशन और पीजी की परीक्षाएं चलती हैं, जिसके कारण कक्षाएं बाधित रहती हैं। कुल मिलाकर 0 से दिन इन सब में निकल जाते हैं।ड्ढr कॉलेजों के प्राचार्यो ने भी माना है कि 125 से अधिक दिनों की पढ़ाई नहीं होती । अनगिनत छुट्टियां दे दी जाती हैं। सिद्धो-कान्हू यूनिवर्सिटी का भी कमोबेश यही हाल है। यहां पिछले सात वर्षो में अधिकतम 135 दिनों की पढ़ाई हो सकी है।ड्ढr यूजीसी के निर्देशानुसार नामांकन और परीक्षा के लिए 72 दिनों की छुट्टी निर्धारित है। इसके अलावा अवकाश के लिए 60 और 52 दिन रविवार की छुट्टियां भी शामिल हैं। औसतन दस से 15 दिन विभिन्न आंदोलनों और बंद की भेंट चढ़ जाते हैं। परीक्षा के एक माह पूर्व फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके बाद से ही कक्षाएं बंद हो जाती हैं।ड्ढr यूनिवर्सिटी के पास कोई प्लानिंग नहीं: श्याम बाबूड्ढr रांची यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट श्याम बाबू ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के पास कोई प्लानिंग नहीं है। अगर सभी कॉलेजों में अलग से परीक्षा भवन की व्यवस्था नहीं की गयी, तो 180 दिन पढ़ाई का लक्ष्य पाना असंभव है। उन्होंने हायर एजुकेशन में छुट्टियों की संख्या घटाने की भी मांग कीर्। ं