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Hindi Newsपीजी में दाखिला रद्द कराने पर एक हजार रुपये तक कटौती

पीजी में दाखिला रद्द कराने पर एक हजार रुपये तक कटौती

दिल्ली विश्वविद्यालय ने दाखिला रद्द कराने को लेकर नई नीति तैयार की है। यदि कोई छात्र दाखिला लेने के बाद किसी कारण सीट रद्द कराता है तो जमा की गई फीस में से 250 रुपये से एक हजार काटे जाएंगे। ये नीति...

पीजी में दाखिला रद्द कराने पर एक हजार रुपये तक कटौती
लाइव हिन्दुस्तान टीमFri, 10 Jan 2014 12:21 PM
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दिल्ली विश्वविद्यालय ने दाखिला रद्द कराने को लेकर नई नीति तैयार की है। यदि कोई छात्र दाखिला लेने के बाद किसी कारण सीट रद्द कराता है तो जमा की गई फीस में से 250 रुपये से एक हजार काटे जाएंगे। ये नीति सिर्फ स्नातकोत्तर कोर्स के लिए मान्य है।

डिप्टी रजिस्ट्ररार (अकादमिक) राम दत्त ने बताया कि यदि कोई छात्र दाखिले के अंतिम दिन से पहले सीट रद्द कराता है तो उसकी फीस में से 250 रुपये काटकर बाकी लौटा दी जाएगी। 31 अगस्त दाखिले की अंतिम तारीख होती है। यदि कोई 31 अगस्त के बाद दाखिला रद्द कराने के लिए आवेदन करता है तो उसकी फीस में से 500 रुपये काटे जाएंगे। इतना ही नहीं, अगर कोई 31 अगस्त और 16 सितंबर के बीच सीट रद्दा कराता है तो उसकी फीस में से एक हजार रुपये काटे जाएंगे। इसके अलावा 16 सितंबर के बाद सीट रद्द कराने पर फीस वापस नहीं की जाएगी।

बिना मूल रसीद के फीस वापसी नहीं: खास बात यह है कि छात्र जब दाखिला रद्द कराने के लिए आवेदन करेगा तो उसके पास दाखिले से जुड़े तमाम मूल कागजात होने चाहिए। फीस और कोर्स की मूल रसीद जमा कराने पर ही फीस वापसी होगी। इनके अभाव में सीट रद्द तो कर दी जाएगी लेकिन फीस वापस नहीं होगी। हालांकि, कुछ कॉलेज ऐसे भी है जो फोटोकॉपी देखकर खुद से जांच कर फीस दे सकते हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, ये कॉलेज पर निर्भर करेगा।

लेखक बैंक जरूरी: विकलांग और ऐसे छात्र जो किसी कारण खुद से लिखित परीक्षा देने में अक्षम हैं उनके लिए हर कॉलेज में लेखक बैंक होना जरूरी है। हालांकि, कई कॉलेज में ऐसे बैंक हैं लेकिन इनकी संख्या कम है। डीयू ने साफ किया है कि इन बैंक में उन लेखकों के नाम व ब्योरा होना चाहिए जो जरूरत पड़ने पर तुरंत किसी छात्र की मदद कर सकते हो। यदि कोई छात्र परीक्षा में बैंक से लेखक की मांगता करता है तो कॉलेज उन्हें लेखक उपलब्ध कराएगा।

70 से ज्यादा कॉलेजों को संचालन होता है दिल्ली विश्वविद्यालय में
54 हजार से ज्यादा छात्र हर साल आते हैं यहां
11 नए फाउंडेशन कोर्स शुरू किए गए इस साल से

40 के करीब स्नातकोत्तर कोर्स का संचालन होता विश्वविद्यालय में

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