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भारत ने अमेरिकी राजनयिकों से पहचान पत्र लौटाने को कहा

कूटनीतिक विवाद में इजाफे के बीच भारत ने अमेरिका से कहा है कि वह देश में तैनात अपने सभी राजनयिक अधिकारियों के पहचान पत्र लौटा दे। यह संभवत: न्यूयार्क में भारतीय वाणिज्य उप महादूत के साथ बर्ताव पर...

भारत ने अमेरिकी राजनयिकों से पहचान पत्र लौटाने को कहा
एजेंसीTue, 17 Dec 2013 07:02 PM
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कूटनीतिक विवाद में इजाफे के बीच भारत ने अमेरिका से कहा है कि वह देश में तैनात अपने सभी राजनयिक अधिकारियों के पहचान पत्र लौटा दे। यह संभवत: न्यूयार्क में भारतीय वाणिज्य उप महादूत के साथ बर्ताव पर विरोध के स्वरुप अमेरिकी राजनयिकों को मिल रही छूट और लाभ की समीक्षा का एक कदम हो सकता है।
     
सरकारी सूत्रों ने बताया कि सरकार ने अमेरिका से भारत में तैनात अपने राजनयिक अधिकारियों को दिए गए पहचान पत्र लौटाने को कहा है। समझा जाता है कि सरकार अमेरिकी राजनयिकों को मिलने वाली छूट और लाभों की समीक्षा करना चाहती है।
      
गौरतलब है कि भारत ने पिछले हफ्ते न्यूयार्क में वीजा जालसाजी के आरोपों के तहत वाणिज्य उप महादूत देवयानी खोबरागडे की गिरफ्तारी और सार्वजनिक रूप से हथकड़ी पहनाए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए अमेरिकी राजदूत नैंसी पावेल को तलब किया था और इस संबंध में डिमार्शे जारी किया था।
    
भारत की नाराजगी नेताओं और भारत सरकार के अधिकारियों के कदमों से विदित है। केन्द्रीय गहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने नई दिल्ली में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात रदद कर दी। यह संभवत: देवयानी के साथ बर्ताव का विरोध था।
   
लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भी इन्हीं कारणों से कल प्रतिनिधिमंडल के साथ अपनी मुलाकात रदद कर दी थी। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार शिवशंकर मेनन भी पांच सदस्यीय अमेरिकी शिष्टमंडल से मिलने वाले थे। उन्होंने भी कल वस्तुत: इसी वजह से अमेरिकी दल से मुलाकात नहीं की थी।
     
कथित वीजा जालसाजी मामले में 1999 बैच की आईएफएस अधिकारी देवयानी को उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह अपनी बेटी को स्कूल छोड़ने गई थीं। उन्हें सार्वजनिक रूप से हथकड़ी लगाई गई। बाद में उन्होंने अदालत में कहा कि वह दोषी नहीं है, जिसके बाद उन्हें ढाई लाख डॉलर के बांड पर रिहा किया गया।

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