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दागी विधायकों में सात फीसदी की कमी

इस बार 36 फीसदी दागी जबकि बीते चुनाव में 43 फीसदी थे, भाजपा में दागियों की संख्या में इजाफा दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। इस बार किसी दल को भले ही बहुमत न मिला हो लेकिन आपराधिक...

दागी विधायकों में सात फीसदी की कमी
लाइव हिन्दुस्तान टीमTue, 10 Dec 2013 03:33 PM
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इस बार 36 फीसदी दागी जबकि बीते चुनाव में 43 फीसदी थे, भाजपा में दागियों की संख्या में इजाफा
दिल्ली विधानसभा चुनाव का परिणाम आ चुका है। इस बार किसी दल को भले ही बहुमत न मिला हो लेकिन आपराधिक पृष्ठभूमि वाले विधायकों की संख्या में सात फीसदी की कमी आई है। बीते चुनाव में 43 फीसदी (29 संख्या) विधायक विधानसभा में पहुंचे थे। यह आंकड़ा इस बार 36 फीसदी (25 संख्या) तक सिमट गया है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा जारी रिपोर्ट इस बात की तस्दीक करती है। यह रिपोर्ट उम्मीदवारों द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए शपथ-पत्रों के आधार पर तैयार की गई है। बहरहाल, दिलचस्प यह है कि भाजपा को सबसे अधिक सीटें मिली हैं और इसी दल के सबसे अधिक विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। 70 विधायकों में से भाजपा को 31 सीटें मिली हैं। इनमें से 17 विधायक आपराधिक मामलों में लिप्त हैं।

भाजपा के दागी विधायकों में बढ़ोत्तरी हुई है: 2008 के चुनाव में इस दल के 11 दागी विधायक चुने गए थे। इस बार 17 चुने गए हैं। वहीं दूसरे सबसे बड़े दल के रूप में उभरी आम आदमी पार्टी के तीन विधायकों पर किसी न किसी तरह के आपराधिक मामले दर्ज हैं। उधर, कांग्रेस के सिर्फ दो ही ऐसे विधायक हैं जो ऐसे आपराधिक मामलों में घिरे हुए हैं। इसके अलावा भारतीय राष्ट्रीय लोकदल और जनता दल यूनाइटेड के एक-एक उम्मीदवार विधायक चुने गए हैं। दोनों ही दलों के ये विधायक आपराधिक पृष्ठभूमि से हैं।

गंभीर आपराधिक मामले वाले बढ़े: 2008 के विधानसभा चुनाव में भले ही आपराधिक मामले वाले विधायक अधिक चुने गए हों मगर उनमें हत्या का प्रयास, डकैती व महिलाओं पर अत्याचार जैसे गंभीर आपराधिक वाले विधायक कम थे। उस समय सिर्फ 70 विधायकों में सिर्फ छह ही ऐसे थे। लेकिन 2013 के चुनाव में चुनकर आए ऐसे विधायकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। अब 09 की जगह संख्या बढ़कर 20 पर आ पहुंची है।

दिल्ली 94 गंभीर अपराध वाले उम्मीदवारों में से 74 को नकारा: रिपोर्ट बताती है कि जनता पहले से ज्यादा जागरूक हुई है। यही वजह है कि दिल्ली ने विभिन्न दलों के गंभीर आपराधिक मामलों वाले 94 उम्मीदवारों में से 74 को नहीं चुना। इसके अलावा जिन पर गंभीर मामले दर्ज हैं उनमें ओखला से चुने गए कांग्रेस के  आसिफ मोहम्मद खान हैं। उन्होंने शपथ-पत्र में खुद पर हत्या का प्रयास का मामला घोषित किया हुआ है।

भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हर्ष वर्धन पर भी मामला: भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार डॉ.  हर्षवर्धन कृष्णा नगर से चुने गए हैं। उन पर आईपीसी की धारा 509 के तहत महिला के साथ अत्याचार का गंभीर आपारधिक मामला है।

चुने गए 70 विधायकों में से 36 स्नातक व उससे ज्यादा शिक्षित हैं। ऐसे कुल 51 फीसदी विधायक हैं। स्नातक व स्नातक की पेशेवर डिग्री वाले विधायक अधिक आम आमदी पार्टी से हैं। इनकी संख्या नौ है। इनमें छह विधायक ने सामान्य विषयों में स्नातक की है। तीन के पास पेशेवर स्नातक की डिग्री है। भाजपा के सात और कांग्रेस के तीन विधायक स्नातक हैं। इसके अलावा इन तीन दलों के अलावा किसी भी दल के विधायक स्नातक
नहीं है।

जनता ने इन पीएचडी डिग्रीधारकों को चुना
900 से अधिक उम्मीदवारों ने दिल्ली विधानसभा का चुनाव लड़ा। इनमें से कइयों ने पीएचडी की हुई थी लेकिन जनता ने सिर्फ चार को चुना। इनमें आम आदमी पार्टी के प्रोफेसर हरीश खन्ना हैं। वे तिमारपुर से विधायक चुने गए हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाते हैं। इसके अलावा भाजपा के विधायकों में जनकपुरी से विधायक चुने गए जगदीश मुखी, वजीरपुर से चुने गए महेंद्र नागपाल, त्रीनगर से चुने गए नंद किशोर भी पीएचडी डिग्री धारकों में शामिल हैं।

47 फीसदी 12वीं पास व उससे कम
47 फीसदी 12वीं पास व उससे कम पढ़े-लिखे हैं। 70 में से ऐसे विधायक 33 हैं। इनमें से सिर्फ 20 ही 12वीं तक पढ़े हुए हैं। आठवीं पास तीन, दसवीं पास दस हैं। 12वीं पास करने वालों में भाजपा के आठ, आप के पांच, कांग्रेस के चार, निर्दलीय व जेडीयू का एक-एक विधायक है। बता दें कि दिल्ली विधानसभा के इस चुनाव में 900 से अधिक उम्मीदवार खड़े हुए थे। इनमें शिक्षित उम्मीदवार बीते चुनाव के मुकाबले बढ़े हैं। निर्दलीय शिक्षित उम्मीदवार भी बढ़े हैं।

भाजपा के पास अधिक पीएचडी डिग्रीधारक
इस विधानसभा चुनाव में पीएचडी करने वाले कम चुने गए हैं। फिर भी इनमें सबसे अधिक भारतीय जनता पार्टी के विधायक पीएचडी डिग्रीधारक हैं। भाजपा से चुनकर आने वाले विधायकों की संख्या तीन है। आम आदमी पार्टी के सिर्फ एक विधायक ने पीएचडी की है। कांग्रेस से कोई भी विधायक पीएचडी डिग्री धारक नहीं है। इसके अलावा स्नातकोत्तर करने वालों में भी भाजपा आगे है। इस दल के सात विधायकों ने स्नातकोत्तर की है। इसके बाद आप के छह विधायक हैं।

51 विधायक करोड़पति
2013 में चुनकर आए करोड़पति विधायक

इस बार भी तीन महिला विधायक
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महिला विधायक सिर्फ चुनी गईं। पिछली विधानसभा में भी तीन महिला विधायक चुनकर आईं थीं कांग्रेस से।
19 विधायक 36 से 45 की उम्र के हैं, सबसे अधिक भाजपा और आप से

सबसे युवा विधानसभा
11 विधायक सबसे अधिक युवा, 35 से कम उम्र के
10 विधायक आम आदमी पार्टी के इन 11 में से।
19 विधायक 36 से 45 की उम्र के हैं, सबसे अधिक भाजपा और आप से

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