पुतले फूंककर गैस पीड़ितों ने अपने गुस्से का इजहार किया
यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी की 29वीं बरसी पर मंगलवार को गैस पीड़ितों ने पुराने भोपाल में रैलियां निकाली, सभायें की और अपनी मांगों के समर्थन में वारेन एंडरसन के पुतले फूंककर अपने गुस्से का इजहार...
यूनियन कार्बाइड गैस त्रासदी की 29वीं बरसी पर मंगलवार को गैस पीड़ितों ने पुराने भोपाल में रैलियां निकाली, सभायें की और अपनी मांगों के समर्थन में वारेन एंडरसन के पुतले फूंककर अपने गुस्से का इजहार किया।
भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड सयंत्र में दो तीन दिसंबर 1984 की रात मिथाइल आइसो सायनेट (मिक) का रिसाव हुआ था, जिसके चलते 15 हजार से अधिक लोगों की मत्यु हो गई तथा पांच लाख से अधिक लोग प्रभावित हो गए थे। यूनियन कार्बाइड परिसर के आसपास आज सुबह से ही आपाधापी की स्थिति थी और वहां अनेक स्थानों पर गैस पीड़ित संगठनों द्वारा सभाएं की जा रहीं थी, जबकि छोटे छोटे बच्चे अपने अपने हाथों में एंडरसन के पुतले जलाने में व्यस्त थे।
हालांकि, यह बात दूसरी है कि बच्चों को यह तक नहीं मालूम था कि वे किसका पूतला फूंक रहे हैं लेकिन वे अपने खेल में व्यस्त थे। एक बच्चे हमीद ने पूछने पर कहा कि वह साथियों के साथ एंडोरी (एंडरसन) का पुतला जला रहा है, जबकि दूसरे सुरेश का कहना था कि उसे नहीं मालूम कि किसका पुतला है।
दूसरी तरफ पुराने भोपाल में स्थित यादगारे शाहजहानी पार्क में आयोजित एक सभा में भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के समन्वयक अब्दुल जब्बार ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में समुचित मुआवजे को लेकर लंबित याचिका की शीघ्र सुनवाई के लिये अतिरिक्त रूप से याचिका लगाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि यूनियन कार्बाइड (डाव केमिकल्स) द्वारा भोपाल के पर्यावरण को पहुंचाई गई क्षति के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की शरण ली गई है।