ंप्रशिक्षित डॉक्टर से लगवाएँ एण्टी रैबीचा वैक्सीन
अगर वैक्सीन लगवाने के दो सप्ताह बाद पैर में सूान आोाए तो एण्टी रैबीा वैक्सीन या सिरम का विपरीत असर भी पड़ सकता है।ोान भीोोखिम में पड़ सकती है। शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगें। चलने में दुश्वारी हो। तो...
अगर वैक्सीन लगवाने के दो सप्ताह बाद पैर में सूान आोाए तो एण्टी रैबीा वैक्सीन या सिरम का विपरीत असर भी पड़ सकता है।ोान भीोोखिम में पड़ सकती है। शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने लगें। चलने में दुश्वारी हो। तो चिकित्सकों से सम्पर्कोरूरी है। ऐसे मरीाों में विपरीत असर दिखाई पड़ सकता हैोिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी कम होती है। यहोानकारी डॉ.सुमित पोद्यार ने दी। वे ‘एसोसिएशन फॉर प्रीवेंशन एण्ड कंट्रोल ऑफ रैबीा इन इंडिया’ के दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के अंतिम दिन चिकित्सकों से बातचीत कर रहे थे।ड्ढr कन्वेंशन सेंटर में हुए सेमिनार में उन्होंने कहा कि वैक्सीन व सिरम के साइड इफेक्ट को नÊारअंदाा नहीं करना चाहिए। वैक्सीन सिर्फ हाथ में लगाईोानी चाहिए। वहाँ वैक्सीन तेाी से असर करती है। वैक्सीन का असर सात दिनों बाद ही होता है। इसलिए उससे पहले मरीा को सिरम लगवाने की भी सलाह देनी चाहिए। आईडी हॉस्पिटल के डॉ.एचके गोहिल ने कहा कि कोई भी वैक्सीन लगाईोा सकती है। डॉ. गोहिल के मुताबिक ‘क्लास थ्री बाइट’ पर वैक्सीन के साथ सिरम देनाोरूरी है। क्योंकि काटने कीोगह खून निकलने पर वायरस के गम्भीर होने का खतरा बनोाता है। कार्यक्रम के अंतिम दिन डॉ. बंकिम पटनायक ने फोबिया एंड न्यूरॉसिस पर अपना शोध पत्र पढ़ा। समापन पर हैदराबाद के डॉ. लतीफ खान, डॉ.टीआर बोहरा समेत कई चिकित्सकों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम के संयोक डॉ. मोहम्मद नासिर सिद्दीकी थे।