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वाम आज सौंपेगा समर्थन वापसी का पत्र

मनमोहन सिंह सरकार और वामदलों के बीच लंबे समय तक चली खींचतान के बाद लेफ्ट ने मंगलवार की सुबह हुई अपनी अहम बैठक में आखिरकार सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार के ऊपर अनिश्चितता के...

 वाम आज सौंपेगा समर्थन वापसी का पत्र
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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मनमोहन सिंह सरकार और वामदलों के बीच लंबे समय तक चली खींचतान के बाद लेफ्ट ने मंगलवार की सुबह हुई अपनी अहम बैठक में आखिरकार सरकार से समर्थन वापसी की घोषणा की। इसके साथ ही सरकार के ऊपर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। वाम बुधवार को राष्ट्रपति से मिलकर समर्थन वापसी का पत्र सौंपेगा। सीपीएम महासचिव प्रकाश करात ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि दस जुलाई को सरकार और वाम के बीच होने वाली बैठक का कोई मतलब नहीं रह गया है क्योंकि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह आईएईए से बातचीत करने के लिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि कल यानी बुधवार को राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा गया है जिसमें वह सरकार से समर्थन वापसी की औपचारिक चिट्ठी सौंपेंगे। उनके अनुसार, इस संबंध में विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी को पत्र भेजा दिया गया है। लोकसभा में माकपा के 43, भाकपा के10, फारवर्ड ब्लाक व आरएसपी के तीन-तीन सांसद हैं। चारों वाम दलों ने केंद्र में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन पत्र भी चूंकि अलग-अलग दिए थे, इसलिए वे सरकार से समर्थन वापसी के पत्र भी उसी रूप में सौंपेंगे। फारवर्ड ब्लाक महासचिव देबव्रत बिस्वास व आएसपी नेता ने सोमवार रात िहदुस्तान सें इस बात का खुलासा किया कि प्रधानमंत्री द्वारा वाम दलों से वादाखिलाफी करने और विश्वास तोड़ने के बाद हमारे लिए अब एक मिनट भी संप्रग सरकार को समर्थन जारी रखना संभव नहीं है। वाम नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान के बाद करार पर बनी संप्रग-वाम समन्यव समिति के अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी का वह पत्र बेमानी हो गया है, जिसे उन्होंने वाम नेताओं अल्टीमेटम की सफाई के बतौर ोजा था। इस पत्र में उन्होंने वाम दलों से आग्रह किया था कि वे प्रधानमंत्री की स्वदेश वापसी तथा समन्वय समिति की अगली बैठक का इंतजार करें।

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