फोटो गैलरी

Hindi Newsजासूसी प्रकरण पर जांच आयोग गठित

जासूसी प्रकरण पर जांच आयोग गठित

गुजरात सरकार ने कथित जासूसी प्रकरण की जांच के लिए एक जांच आयोग के गठन के लिए औपचारिक तौर पर मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। जांच आयोग से कहा गया है कि वह इस बात का पता लगाए कि क्या चार साल बाद टेपों...

जासूसी प्रकरण पर जांच आयोग गठित
एजेंसीTue, 26 Nov 2013 11:05 PM
ऐप पर पढ़ें

गुजरात सरकार ने कथित जासूसी प्रकरण की जांच के लिए एक जांच आयोग के गठन के लिए औपचारिक तौर पर मंगलवार को अधिसूचना जारी कर दी। जांच आयोग से कहा गया है कि वह इस बात का पता लगाए कि क्या चार साल बाद टेपों को जारी करने के पीछे कोई साजिश है।

गुजरात पुलिस द्वारा एक महिला की कथित तौर पर जासूसी को लेकर निशाने पर आई नरेंद्र मोदी सरकार ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय आयोग का गठन किया था। उसकी अधिसूचना आज जारी की गई। आयोग की अध्यक्षता गुजरात उच्च न्यायालय की सेवानिवत्त न्यायाधीश सुगनाबेन के भटट करेंगी।

सेवानिवृत्त अतिरिक्त मुख्य सचिव के सी कपूर जांच आयोग के सदस्य होंगे। समिति से तीन महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। आयोग को जांच के लिए छह विचारणीय विषय दिए गए हैं और उससे रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।
 
अधिसूचना के अनुसार विचारणीय विषय में कहा गया है, चार साल के लंबे अंतराल के बाद ऑडियो टेप जारी करने की परिस्थितियों में क्या कोई साजिश है। भाजपा ने आरोप लगाया है कि साल 2014 के चुनावों से पहले पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने के पीछे ऑडियो टेप जारी करने में साजिश है। उसने इसके पीछे सीबीआई और कांग्रेस का हाथ होने का इशारा किया था।

अधिसूचना के अनुसार आयोग से कहा गया है कि वह टेपों की प्रामाणिकता की जांच करे और यह तय करे कि क्या वेब पोर्टल गुलेल डॉट कॉम और कोबरा पोस्ट पर लगाए गए सुरक्षा, निगरानी के आरोप और बाद में विभिन्न मीडिया में प्रसारित और प्रकाशित घटना वाकई हुई थी।
 विचारणीय विषय में आयोग से उन तथ्यों, परिस्थितियों, कारणों का पता लगाने को कहा गया जिसकी वजह से अगर कथित तौर पर कोई सुरक्षा, निगरानी हुई या सरकारी एजेंसियों द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में पता लगाने को कहा गया है।

विचारणीय विषय में कहा गया है, क्या किसी अनिवार्य कानूनी प्रावधान या प्रशासनिक प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ या उसका अनुपालन नहीं किया गया। टेपों में कथित बातचीत में गुजरात के तत्कालीन गह मंत्री अमित शाह को आईपीएस अधिकारी जी एल सिंघल को एक महिला शिल्पकार की जासूसी करने का आदेश देते बताया गया है।

मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी शाह को कथित तौर पर यह कहते सुना गया कि उनके साहब चाहते हैं कि महिला पर नजर रखी जाए। यह आरोप लगाया गया कि वह मोदी का उल्लेख कर रहे थे। इसमें यह भी कहा गया है कि आयोग का गठन कोबरापोस्ट और गुलेल डॉट कॉम द्वारा कुछ टेपों को सार्वजनिक किए जाने के बारे में मीडिया में आई खबरों के मददेनजर किया गया है। उसमें गुजरात में 2009 में एक महिला की कथित सुरक्षा, निगरानी का उल्लेख था।
   
कांग्रेस ने आयोग के गठन की कड़ी आलोचना की है। आयोग ने इसे आंखों में धूल झोंकने वाला और इसे मोदी बचाओ आयोग बताया है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें