कर्ज की वसूली प्रर्किया सुधारें बैंक: आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा है कि वे अपने ऋणों की वसूली की प्रर्किया सुधारें तथा देनदारियों व संपत्तियों के निरीक्षण को मजबूत करें। केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में बढ़ती गैर...
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से कहा है कि वे अपने ऋणों की वसूली की प्रर्किया सुधारें तथा देनदारियों व संपत्तियों के निरीक्षण को मजबूत करें। केंद्रीय बैंक ने बैंकिंग प्रणाली में बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश दिया है।
रिजर्व बैंक ने अपनी रपट ट्रेंडस एंड प्रोग्रेस आफ बैकिंग रिपोर्ट 2012-13 में यह बात कही है। इसमें कहा गया है कि बैंकों को फंसे कर्ज की वसूली के लिए भारतीय रिजर्व बैंक तथा सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का पालन करना होगा। साथ ही उन्हें संपत्तियों व देनदारियों के निरीक्षण, ऋण आकलन तथा ऋण मंजूरी के बाद निगरानी की अपनी प्रर्किया को भी मजबूत करना होगा ताकि गैर निष्पादित आस्तियों की बढ़ती समस्या को कम से कम किया जा सके।
रिजर्व बैंक के अनुसार अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों का सकल एनपीए मार्च 2013 तक बढ़कर 3.6 प्रतिशत हो गया जो गत वित्त वर्ष में 3.1 प्रतिशत था। शुद्ध एनपीए, बैंकों के लिए शुद्ध अग्रिम के प्रतिशत रूप में वित्त वर्ष 2013 में 1.7 प्रतिशत रहा जो पूर्व वित्त वर्ष में 1.3 प्रतिशत था।
इसके अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 में बैंकिंग प्रणाली में आस्तियों की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आई और कुल दबाव युक्त आस्तियों में बढ़ोतरी दर्ज की गई। रिजर्व बैंक के अनुसार मार्च 2013 तक सकल एनपीए 194000 करोड़ रुपये रहा।