सैन्य तख्तापलट की खबर उर्वर दिमाग से आई: वीके सिंह
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने जनवरी 2012 में सैन्य तख्तापलट के कथित प्रयास की कहानी को खारिज करते हुए कहा है कि यह कहानी एक बहुत ही उर्वर दिमाग की उपज थी तथा यह किसी के इशारे पर रची गई...
पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने जनवरी 2012 में सैन्य तख्तापलट के कथित प्रयास की कहानी को खारिज करते हुए कहा है कि यह कहानी एक बहुत ही उर्वर दिमाग की उपज थी तथा यह किसी के इशारे पर रची गई थी।
उन्होंने कहा कि वह तख्तापलट का प्रयास कहानी किसी के इशारे पर रची गई । यदि कुछ खास दायित्वों के लिए कुछ खास इकाइयों की क्षमता को परखने के लिए नियमित हलचल का मतलब तख्तापलट के रूप में निकाला जाए तो फिर भगवान ही हमारी रक्षा करे।
पूर्व सेना प्रमुख कल शाम यहां साहित्य उत्सव में अपनी आत्मकथा करेज एंड कनविक्शन के विमोचन अवसर पर बोल रहे थे। यह पूछे जाने पर कि क्या हलचल के दौरान मिसाइलों को रखना जरूरी था, सिंह ने जवाब दिया, स्पष्टत: । आप पूर्ण गोला बारूद के साथ बढ़ते हैं । आपको कैसे पता चलेगा कि उन मिसाइलों को निकालने में कितना समय लगता है । आप सबक कैसे सीखेंगे।
सिंह ने कहा, यह एक ऐसी कहानी थी जो बहुत ही उर्वर दिमाग से आई । जब आप आगे बढ़ते हैं तो हर चीज लेकर बढ़ते हैं । सरकार में सशस्त्र बलों से संबंधित फोबिया होने के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा कि इस फोबिया या इस भ्रम अनुभूति के बारे में मैंने किताब में चर्चा की है । वहां इस तरह की सोच है जो 50 या 60 के दशक में थी, और उसे, बीते समय में अन्य समूहों ने सशस्त्र बलों को थोड़ा दूर रखने के लिए इस्तेमाल किया है ।