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पाकिस्तान को संदेह का लाभ देने को तैयार है भारत

भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत अपने ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को संदेह का लाभ देने के लिए तैयार है, क्योंकि दोनों ही देश शांति की बहाली चाहते...

पाकिस्तान को संदेह का लाभ देने को तैयार है भारत
एजेंसीMon, 11 Nov 2013 10:59 AM
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भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा है कि भारत अपने ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को संदेह का लाभ देने के लिए तैयार है, क्योंकि दोनों ही देश शांति की बहाली चाहते हैं।
     
परमाणु क्षमता से संपन्न दोनों ही पड़ोसी देश आजादी के बाद से ही कश्मीर पर टकराव की स्थिति में रहे हैं। कश्मीर दोनों देशों में विभाजित है। भारत व पाकिस्तान इन विभाजित भागों में अलग-अलग शासन व्यवस्था चलाते हैं, लेकिन दोनों ही पूरे कश्मीर पर अपना दावा करते हैं।
    
खुर्शीद ने कहा कि भारत पाकिस्तान की सेना पर नियमित रूप से यह आरोप लगाता है कि वह सशस्त्र विद्रोहियों को सीमा पार घुसपैठ करवाने के दौरान ध्यान भटकाने के लिए गोलीबारी करता है। ये विद्रोही सीमा पार करने के बाद हमले किया करते हैं।
     
द ऑस्ट्रेलियन अखबार को दिए साक्षात्कार में खुर्शीद ने दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव को स्वीकार किया। खुर्शीद ने कहा कि हम समय-समय पर पाकिस्तान से बात करते रहते हैं और निजी भाव-भंगिमाओं में हमें काफी गर्मजोशी दिखाई पड़ती है।
   
खुर्शीद ने कहा कि लेकिन जमीनी हकीकत और हमारी बैठकों के नतीजे बहुत निराशाजनक हैं। हालांकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पिछले माह भारत के साथ शांति बहाल करने की दिशा में अतिरिक्त प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई थी, खुर्शीद ने कहा कि भारत उनकी बात पर गौर करेगा।
   
खुर्शीद के हवाले से लिखा गया, पाकिस्तान के सामने अपने ही देश के भीतर बहुत ज्यादा मुश्किल समस्याएं मौजूद हैं। हमारा मानना है कि हमें उन्हें समय देना चाहिए। हालांकि यह समय हम अपनी कीमत पर नहीं देंगे। लेकिन हमें उन्हें संदेह का लाभ देना चाहिए।
   
जब नवाज शरीफ कहते हैं कि वे भारत के साथ शांति और अच्छे संबंध चाहते हैं तो हम उनका यह वादा स्वीकार करते हैं। खुर्शीद ने सीमा पर हुई हालिया गोलीबारी को वर्ष 2003 से प्रभाव में आए संघर्ष विराम समक्षौते के बाद से सबसे बड़े हमलों में से एक बताते हुए कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में बेहतर प्रबंधन के लिए शीर्ष स्तरीय सैन्य बैठकों के आयोजन के वादे को निभाया नहीं है।
     
खुर्शीद ने अखबार को बताया, अगर वे आतंकवाद के ढांचे को नष्ट करने की कोशिश कर सकें तो यह एक अच्छी शुरूआत होगी।

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