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धीर-धीर बोल..जोर से बोलना अच्छी बात नहीं। धीर-धीर बोलना अच्छा माना जाता है। मैडम इन्हीं बातों को अहसास करा रही हैं। कड़क स्वभाव की छवि वाली मैडम शासन-प्रशासन की केंद्र भवन में तैनात हैं। किसी को अपनी...

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लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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धीर-धीर बोल..जोर से बोलना अच्छी बात नहीं। धीर-धीर बोलना अच्छा माना जाता है। मैडम इन्हीं बातों को अहसास करा रही हैं। कड़क स्वभाव की छवि वाली मैडम शासन-प्रशासन की केंद्र भवन में तैनात हैं। किसी को अपनी बात इनसे मनवा लेना आसान नहीं होता है। राज-काज को अहमियत देने के चलते प्रभावशाली लोगों की ये आंख की किरकिरी बन जाती हैं। मैडम की कई मंत्रियों से अनबन भी रही। खजाने को लूटने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाने में सफल हो रहीं मैडम का मनोबल अभी ठीक-ठाक है। मंत्री जी भी न चाह कर भी मैडम को अहमियत देने से पीछे नहीं हट रहे हैं। राज गहना नामधारी इस मैडम के चैंबर के भीतर कौन कहे, बाहर रुकने की कोई साहस नहीं कर पाता है। जो मिलने जाता है अधिकांश तुरंत बाहर आ जाते हैं। बाहर न कोई रुक सकता है, न कोई बातचीत करते हुए क्रॉस कर सकता है। यदि अनजाने में कोई ऐसा करता गुजरता है, तो तुरंत तैनात सुरक्षाकर्मी उसे आकर चुप करा देते हैं। कहते हैं धीर-धीर बोल कोई सुन न ले। मैडम को बाहर की आवाज पसंद नहीं है।

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