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पाकिस्तान में रोक दिया गया थरूर का वीडियो संबोधन

केंद्रीय मंत्री शशि थरूर द्वारा भारत एवं पाकिस्तान के कारोबारियों को वीडियो के जरिए दिए जा रहे संबोधन को मंगलवार को उस वक्त अचानक रोक दिया गया जब उन्होंने नियंत्ररण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को...

पाकिस्तान में रोक दिया गया थरूर का वीडियो संबोधन
एजेंसीTue, 29 Oct 2013 09:20 PM
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केंद्रीय मंत्री शशि थरूर द्वारा भारत एवं पाकिस्तान के कारोबारियों को वीडियो के जरिए दिए जा रहे संबोधन को मंगलवार को उस वक्त अचानक रोक दिया गया जब उन्होंने नियंत्ररण रेखा पर संघर्ष विराम के उल्लंघन को लेकर पाकिस्तान सरकार की आलोचना की।

यद्यपि इस कार्यक्रम को आर्थिक मोर्चे पर शांति से जुड़े कदम को बढ़ावा देने के मकसद से किया गया था, लेकिन मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने पाकिस्तान सरकार पर निशाना साधकर वहां मौजूद लोगों और भारतीय प्रतिनिधिमंडल को चौंका दिया।

थरूर ने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ शिमला समझौते पर आधारित बातचीत के जरिए कश्मीर सहित सभी मुद्दों का समाधान करने को प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए आतंकवाद और हिंसा से मुक्त माहौल की जरूरत है। उन्होंने पहले से रिकॉर्ड वीडियो में कहा कि पांच साल पहले मुंबई में हुआ आतंकवादी हमला और नियंत्रण रेखा पर हालिया घटनाएं पाकिस्तान के आधिकारिक बयान और सैन्य कार्रवाई में विरोधाभास को प्रदर्शित करती हैं।

थरूर ने दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर देते हुए अपने संबोधन की शुरूआत की, लेकिन बाद में कड़ा रूख अख्तियार किया और इसका सुझाव दिया कि पाकिस्तान सरकार को क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर यहां शांति के प्रयास को लेकर अधिक इच्छा होगी तो इससे स्थानीय स्तर पर पैदा हुए आतंकवादियों का सामना कर रही पाकिस्तान सरकार को मदद मिलेगी क्योंकि वे पड़ोसियों के यहां आतंकवाद का निर्यात करते हैं।

थरूर ने कहा कि पाकिस्तान की पूरी व्यवस्था जिस दिन वास्तव में आतंकवाद को सरकारी नीति के औजार बनाना छोड़ देगी तो उसके साथ ही इस उपमहाद्वीप में शांति के नए सेवेरे की उम्मीद जग जाएगी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कुछ आतंकवादियों को ही निशाना बनाने की गलत नीति पर दुर्भाग्यपूर्ण ढंग से अमल कर रहा है और चरमपंथी सक्रिय रूप से दूसरों की मदद कर रहे हैं।

जिन्ना सभागार में आयोजित कार्यक्रम में थरूर ने कहा कि पाकिस्तान की तरह भारत की सेना विदेश नीति नहीं बनाती है क्योंकि यह काम निर्वाचित असैन्य सरकार का है जो संवाद से जुड़ने को प्रतिबद्ध है। उनके भाषण के दौरान वहां का माहौल तनावपूर्ण होने लगा और ऐसे में अचानक वीडियो को कट कर दिया गया। वहां मौजूद लोगों ने 22 भारतीय प्रतिनिधिमंडल और भारतीय उच्चायोग के अधिकारी शामिल थे।

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