पीएम-मोदी ने मंच साझा किया, पटेल पर हुआ टकराव
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल से संबंधित एक कार्यक्रम में मंच साझा किया और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच देश के पहले गृहमंत्री को लेकर टकराव साफ नजर आया।...
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल से संबंधित एक कार्यक्रम में मंच साझा किया और इस दौरान दोनों नेताओं के बीच देश के पहले गृहमंत्री को लेकर टकराव साफ नजर आया। मोदी ने जवाहर लाल नेहरू पर परोक्ष रूप से निराशा साधते हुए कहा कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री बने होते तो देश की तकदीर अलग होती।
सिंह ने पटेल की विरासत पर मोदी के दावे पर सवाल उठाते हुए तुरंत पलटवार किया और कहा कि दिवंगत नेता धर्मनिरपेक्ष और उदारवादी थे और वह विभिन्न विचारधाराओं का सम्मान करते थे। पटेल की याद में बने एक संग्रहालय के उद्घाटन कार्यक्रम में पहले बोलते हुए मोदी ने कहा कि हर भारतीय को अब भी खेद है कि वह (पटेल) भारत के प्रथम प्रधानमंत्री नहीं बने। अगर वह देश के प्रथम प्रधानमंत्री बने होते तो देश की तकदीर अलग होती। मोदी के इस बयान को नेहरू पर हमले के तौर पर देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि प्रथम गृह मंत्री के तौर पर पटेल ने देश को एक किया और उसी एकता और अखंडता को आतंकवाद और माओवाद से फिलहाल खतरा है। प्रधानमंत्री सिंह ने सरदार पटेल की विरासत को लेकर नरेन्द्र मोदी के दावे पर परोक्ष रूप से सवालिया निशान लगाया और रेखांकित किया कि वह कांग्रेसी और धर्मनिरपेक्ष थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल पक्के धर्मनिरपेक्ष थे। उनका देश की अखंडता में गहरा विश्वास था। उनका मानना था कि पूरा देश एक गांव हैं तथा यहां के सभी समुदायों के लोग उनके रिश्तेदार एवं मित्र हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी की जिम्मेदारी है कि देश के लोगों विशेषकर युवाओं को पटेल के योगदान से अवगत कराया जाए।
सिंह ने कहा कि गांधी, नेहरू एवं सरदार पटेल और मौलाना अब्दुल कलाम आजाद का देश की एकता में गहरा विश्वास था। उनका धर्मनिरपेक्ष एवं उदार दष्टिकोण था और गरीबों के प्रति सहानुभूति थी। वे सहिष्णु थे और भिन्न विचाराधारा का सम्मान करते थे। उन्होंने कहा कि यहां मौजूद सभी लोग सहमत होंगे कि ये ऐसे आदर्श हैं जिनकी आज देश में कमी है।
नेहरू एवं पटेल के बीच संबंधों की चर्चा करते हुए सिंह ने कहा कि उनके बीच मतभेद होने का उल्लेख कई बार किया गया है। बहरहाल, दोनों नेता अधिकतर मुद्दों पर सहमत थे तथा दोनों एक दूसरे के नजरिये से भी सहमत थे। पटेल की सराहना करते हुए मनमोहन ने कहा कि प्रथम गह मंत्री देश का निर्माण करने के लिए 500 सूबों को एकसाथ लेकर आये थे।
मोदी ने कहा कि प्रथम गह मंत्री ने स्वतंत्रता के बाद देश को एकजुट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता को सभी मोर्चों पर खतरा है चाहे यह आतंकवाद से हो या माओवाद से। उन्होंने कहा कि सिंह ने खुद कहा था कि माओवाद से देश को बड़ा खतरा है।
आतंकवाद और माओवाद का सहारा लेने वालों का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि वे अपने समुदाय को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं और दिग्भ्रमित युवाओं से हिंसा छोड़ने और देश के विकास की मुख्यधारा में लौटने को कहा। पंजाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा का सहारा ले रहे हैं वे महात्मा गांधी और पटेल के देश में सफल नहीं होंगे।
उन्होंने कहा कि मैं दिग्भ्रमित युवाओं से कहना चाहता हूं कि जो बम और बंदूकों का सहारा लेते हैं वे गांधी और सरदार पटेल की धरती में सफल नहीं हो सकते हैं। वे देश को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन सबसे बड़ा नुकसान उनके अपने समुदायों को पहुंचा रहे हैं।