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अब विशिष्ट पहचान प्राधिकरण पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

सामाजिक कल्याण की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता के बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के बाद अब भारतीय विशिष्ट...

अब विशिष्ट पहचान प्राधिकरण पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
एजेंसीTue, 15 Oct 2013 10:13 PM
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सामाजिक कल्याण की योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड की अनिवार्यता के बारे में उच्चतम न्यायालय के आदेश के खिलाफ केन्द्र सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों के बाद अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण भी शीर्ष अदालत पहुंच गया है। इस प्राधिकरण का तर्क है कि उसके निर्देश का कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने पर बहुत ही गंभीर असर पड़ेगा। न्यायालय ने कहा था कि इन योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है।

भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने दलील दी है कि 23 सितंबर के न्यायालय के आदेश में यह जिम्मेदारी उस पर डाल दी है कि आधार कार्ड गैरकानूनी अप्रवासियों को नहीं दिये जायें। प्राधिकरण का तर्क है कि इस आदेश से उस प्राधिकारण के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण होता है जिसकी नागरिकता की पुष्टि करने की जिम्मेदारी है।

शीर्ष अदालत में दाखिल अर्जी में प्राधिकरण ने कहा है कि आधार कार्ड पहचान का सबूत है और नागरिकता की पुष्टि करने तथा गैरकानूनी अप्रवासियों को खोजने की जिम्मेदारी दूसरी एजेन्सियों की है। अर्जी के अनुसार, सरकार के नीतिगत निर्णय के तहत प्राधिकरण को भारत के निवासियों को आधार मुहैया कराने का काम सौंपा गया है। आधार कार्ड पहचान का सबूत है न कि नागरिकता का। यह उल्लेख किया जा सकता है कि सरकार ने नागरिकता की पुष्टि और गैरकानूनी अप्रवासियों का पता लगाने की जिम्मेदारी विनिर्दिष्ट एजेन्सियों को सौंप रखी है।

अर्जी में शीर्ष अदालत से अंतरिम आदेश में सुधार का अनुरोध किया गया है। अर्जी के अनुसार अंतरिम आदेश में प्राधिकरण को आधार के लिये आवेदन करने वाले व्यक्ति की नागरिकता की स्थिति की जांच करने और गैरकानूनी अप्रवासियों की पहचान करने संबंधी निर्देश कानून के तहत उचित प्राधिकारियों के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण करता है जिन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गयी है।

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