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सचिन की शान में सभी नतमस्तक

सचिन तेंदुलकर के अगले महीने अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने के बाद मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने इस महान बल्लेबाज की तारीफों के पुल बांधे। क्रिकेट की दुनिया...

सचिन की शान में सभी नतमस्तक
एजेंसीFri, 11 Oct 2013 09:01 AM
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सचिन तेंदुलकर के अगले महीने अपना 200वां टेस्ट खेलने के बाद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा करने के बाद मौजूदा और पूर्व क्रिकेटरों ने इस महान बल्लेबाज की तारीफों के पुल बांधे। क्रिकेट की दुनिया में हर तरफ तेंदुलकर की सराहना ही देखने को मिली।   

पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी में इतना बड़ा निर्वात्त आ गया है। उसकी जगह लेना आसान नहीं होगा। देखिए लक्ष्मण, गांगुली और द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद क्या हुआ। मध्यक्रम को एकजुट होने में समय लगेगा। उन्होंने कहा कि भारतीय क्रिकेट में चौथे नंबर पर कुछ महान खिलाड़ी खेले हैं। जो भी चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करता है वह काफी दबाव में होता है और उसे बड़ी अपेक्षाओं पर खरा उतरना होता है।

आधुनिक क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाज माने जाने वाले तेंदुलकर ने आज घोषणा की कि वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने 200वां टेस्ट खेलने के बाद वह टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह देंगे जिससे 24 साल के उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का भी अंत हो जाएगा।

गावस्कर ने कहा कि उन्होंने जब तेंदुलकर को पहली बार नेट पर बल्लेबाजी करते हुए देखा था तभी उन्हें समझ में आ गया था कि वह महान उपलब्धियां हासिल करेगा। गावस्कर ने कहा कि ऐसे किसी खिलाड़ी की कल्पना करना मुश्किल है जिसने खेल के इतिहास में लिटिल मास्टर की तरह पारंपरिक तकनीक और आक्रामकता का ऐसा मिश्रण किया हो। ऐसा कोई शाट नहीं है जिसे वह नहीं खेल सकता।

एक अन्य पूर्व भारतीय कप्तान और लंबे समय तक तेंदुलकर के टीम के साथी रहे सौरव गांगुली ने का कि वेस्टइंडीज सीरीज की शुरुआत से पहले संन्यास की घोषणा करके इस दिग्गज बल्लेबाज ने सही फैसला किया। गांगुली ने कहा कि यह सही फैसला है और उसने इसे सही समय पर लिया। मैं बेहद खुश हूं कि उसने सीरीज की शुरुआत से पहले ऐसा किया। मैं देश के लोगों से आग्रह करता हूं कि वे इन दो टेस्ट मैच को देखने आए, फिर भले ही यह कोलकाता में हो या मुंबई में, सिर्फ इस महान व्यक्ति के प्रति सम्मान दिखाने के लिए आएं।    

पूर्व भारतीय कप्तान और लोकसभा सदस्य मोहम्मद अजहरुद्दीन ने कहा कि तेंदुलकर का फैसला हैरानी भरा नहीं है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर ऐसा होने वाला था लेकिन मुझे ऐसी कोई जानकारी नहीं थी कि कब ऐसा होने वाला है। लेकिन यह उसका फैसला है और हमें इसका सम्मान करना चाहिए। हमें उसके करियर को ऐसी चीज के रूप में देखना चाहिए जिसने हमेशा हमें खुशी दी और गौरवांवित किया।

अजहर ने कहा कि मैंने पहली बार उसे हैदराबाद बनाम मुंबई रणजी मैच में खेलते हुए देखा जहां उसने अच्छी बल्लेबाजी की। इसके बाद मैंने उसका गजब का साहस अब्दुल कादिर के खिलाफ ड्रेसिंग रूम से देखा। काफी लोगों में प्रतिभा होती है लेकिन जिस चीज ने उसे अलग बनाया वह उसका जुनून है।

तेंदुलकर से जुड़े सबसे यादगार लम्हें के बारे में पूछने पर अजहर ने कहा कि ऐसे कई मौके है लेकिन बेशक 1996 केपटाउन टेस्ट मैच जहां हम दोनों ने शतक बनाया। दक्षिण अफ्रीका के आक्रमण में एलेन डोनाल्ड, शान पोलाक, ब्रायन मैकमिलन और लांस क्लूसनर शामिल थे लेकिन खेल के निश्चित समय के दौरान हमने उनके जबर्दस्त धुनाई की।

गांगुली ने कहा कि तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ विदेशों में जिस तरह से बल्लेबाजी की उससे भारत को क्रिकेट की दुनिया में सम्मान मिला। उन्होंने कहा कि उसने ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ विदेशों में जिस तरह बल्लेबाजी की उससे भारत को वर्ष 2000 के बाद सम्मान मिला। इसमें उसकी अहम भूमिका रही। मेरे लिए यह सबसे बड़ा योगदान है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में सिडनी में उसकी पारी सर्वश्रेष्ठ थी। सिडनी में अंतिम टेस्ट में 240 रन की पारी के दौरान उसने एक भी कवर ड्राइव नहीं लगाया। यह उस व्यक्ति की क्षमता और मानसिक मजबूती को दिखाता है। महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन ने इसे क्रिकेट के लिए बुरा दिन करार दिया।

मुरलीधरन ने कहा कि मुझे लगता है कि यह भारतीय क्रिकेट और विश्व क्रिकेट के लिए बुरा दिन है। हम सचिन को दोबारा खेलते हुए नहीं देखेंगे। वह अपने शर्तों पर संन्यास ले रहा है। श्रीलंका के इस स्टार खिलाड़ी ने कहा कि निश्चित तौर पर हम हमेशा सचिन का विकेट लेना चाहते थे। सभी विरोधी उसे आउट करना चाहते हैं। अधिकांश समय वह जंग में जीत जाता है। वह इतना महान खिलाड़ी है।

तेंदुलकर को महानतम क्रिकेटर करार देते हुए पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने कहा कि इस दिग्गज बल्लेबाज का यह फैसला उनके लिए हैरानी भरा था।
 उन्होंने कहा कि सचिन भारत का सबसे महान क्रिकेटर है और सभी क्रिकेटरों के लिए मैदान के अंदर और बाहर बेहतरीन आदर्श। उसने सभी प्रारूपों में लगभग हर रिकार्ड अपने नाम किया और खेल के इतिहास के उसका करियर सबसे महान करियर में से एक है।

भारत की ओर से 116 टेस्ट खेलने वाले वेंगसरकर ने कहा कि मुझे उससे संन्यास की उम्मीद नहीं थी। मैंने सोचा था कि वह पूरा साल (सत्र) खेलेगा। उसने 200 टेस्ट के बाद शीर्ष पर रहते हुए संन्यास का फैसला किया।

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