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पिछले 10 साल में दंगों में 2,500 लोग मारे गए

देश में 2002 के बाद से हुई सांप्रदायिक हिंसा में 2,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई और इनमें से 107 लोग इसी साल मारे गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार बीते एक दशक के दौरान सांप्रदायिक हिंसा...

पिछले 10 साल में दंगों में 2,500 लोग मारे गए
एजेंसीSun, 22 Sep 2013 04:19 PM
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देश में 2002 के बाद से हुई सांप्रदायिक हिंसा में 2,500 से अधिक लोगों की मौत हो गई और इनमें से 107 लोग इसी साल मारे गए। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार बीते एक दशक के दौरान सांप्रदायिक हिंसा की 8,473 घटनाएं हुईं जिनमें 2,502 लोग मारे गए। इन दंगों में 28,668 लोग घायल भी हुए हैं।

इस साल 15 सितंबर तक 479 दंगे हुए जिनमें 107 लोगों की मौत हो गई। इनमें मुजफ्फरनगर में पिछले दिनों हुई हिंसा की वारदात भी शामिल है। इस साल देश के अलग अलग हिस्सों में हुए दंगों में 1,697 लोग घायल हो गए। पिछले साल देश में साप्रदायिक हिंसा की 668 घटनाएं हुईं जिनमें 94 लोगों को अपनी जान गवांनी पड़ी और और 3,117 लोग घायल हो गए। पिछले साल देश में हुई आतंकी घटनाओं में 245 लोग मारे गए।

साल 2011 में सांप्रदायिक हिंसा की 580 घटनाएं हुईं जिनमें 91 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और 1,899 लोग घायल हो गए। उस साल आतंकवाद की घटनाओं में 419 लोग मारे गए।

गृह मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार साल 2010 में हुए दंगों में 116 लोग मारे गए और 2,138 लोग घायल हो गए। इस साल आतंकवादी घटनाओं में 537 लोग मारे गए। साल 2002 में सांप्रदायिक हिंसा में सबसे अधिक लोग मारे गए। उसी साल गुजरात में दंगे हुए थे। 2002 में सांप्रदायिक तनाव एवं हिंसा की 722 घटनाएं हुईं जिनमें 1,130 लोगों की मौत हुई और 4,375 लोग घायल हुए। सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं को सरकार के उच्च स्तर पर काफी गंभीरता से लिया गया है। सरकार ने कल प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलाई है। इसमें सांप्रदायिक हिंसा के बढ़ते मामलों तथा इन्हें रोकने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
    
हालिया दंगों पर चिंता जताते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने बीते शुक्रवार को कहा कि देश ने इतिहास से सबक नहीं लिया है और उसी तरह की दुर्भाग्यपूर्ण गलतियों को दोहराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि महज कुछ लोगों का समूह इस तरह घटनाओं के लिए जिम्मेदार है और इन पर निगरानी करने की जरूरत है।

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