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सीबीआई ने कोयला फाइल गुमशुदगी मामले में दो जांच दर्ज की

सीबीआई ने कोयला आवंटन से संबंधित फाइलें कोयला मंत्रालय से गुम होने के मुद्दे की तहकीकात करने के लिए दो जांच दर्ज कीं। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि हमने दो प्रारंभिक जांच दर्ज की हैं। एक जांच...

सीबीआई ने कोयला फाइल गुमशुदगी मामले में दो जांच दर्ज की
एजेंसीFri, 20 Sep 2013 09:04 PM
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सीबीआई ने कोयला आवंटन से संबंधित फाइलें कोयला मंत्रालय से गुम होने के मुद्दे की तहकीकात करने के लिए दो जांच दर्ज कीं। सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि हमने दो प्रारंभिक जांच दर्ज की हैं। एक जांच वर्ष 1993 से वर्ष 2005 की अवधि, जबकि दूसरी वर्ष 2006 से वर्ष 2009 की अवधि के लिए है।

सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को गत बुधवार को कोयला मंत्रालय से एक पत्र मिला था जिसमें उन दस्तावेजों की सूची थी जिसका मंत्रालय के रिकार्ड रूम में पता लग गया है। मंत्रालय ने पत्र को शिकायत मानने का आग्रह किया है।

सीबीआई प्रवक्ता कंचन प्रसाद ने कहा कि प्रारंभिक जांच अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ दर्ज कर ली गई हैं। बाद में एजेंसी के अधिकारियों ने उन फाइलों का मिलान करने के लिए कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक की, जिनका अभी पता नहीं चला है और जिसके लिए एजेंसी द्वारा व्यापक रूप से जांच की जरूरत है।

सूत्रों ने कहा कि मिलान के दौरान यह स्पष्ट हो गया कि अलग अलग समूहों में किये कोयला ब्लाक आवंटन से जुड़ी 15-18 महत्वपूर्ण फाइलों का पता नहीं चल पाया है और इससे एजेंसी की जांच प्रभावित हो रही है।

सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान निकले निष्कर्षों के आधार पर सीबीआई ने अपनी जांच को दो हिस्सों में बांटने का निर्णय किया। पहले हिस्से में उन फाइलों के संबंध में जांच की जाएगी जो कि वर्ष 2006-2009 के दौरान हुए आवंटनों से जुड़ी हैं और जिसके संबंध में सीबीआई ने अभी तक 12 प्राथमिकी दर्ज की हैं। दूसरे हिस्से में उन फाइलों की जांच होगी जो कि वर्ष 1993 से वर्ष 2005 की अवधि के दौरान हुए आवंटनों से जुड़ी हैं तथा जिनके बारे में कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है।

सूमों ने बताया कि एजेंसी ने प्रारंभिक जांच के साथ आगे बढ़ने का निर्णय किया है, क्योंकि नियमित मामला या प्राथमिकी दर्ज करने के लिए पर्याप्त सामग्री उपलब्ध नहीं है। दस्तावेजों के विश्लेषण तथा कोयला मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मुलाकात के दौरान सीबीआई ने पाया कि कुछ महत्वपूर्ण फाइलें अस्तित्व में नहीं हैं।

सूत्रों ने बताया कि ऐसा ही एक मामला 26वीं अनुवीक्षण समिति के विवरण वाली फाइलों से संबंधित है जो कि मंत्रालय के पास उपलब्ध नहीं हैं। काफी प्रयासों के बाद भी विवरणों के मसौदे का ही पता चल पाया। सूत्रों ने बताया कि एजेंसी ऐसी गुम फाइलों के मुद्दे की जांच करेगी, क्योंकि निर्णय अनुवीक्षण समिति के विवरण का उल्लेख करते हुए किये गए जिसके बारे में कहा गया है कि उसका अस्तित्व नहीं है।

गत सोमवार को कोयला मंत्रालय ने फाइलों की सूची और रिकार्ड के साथ ही दस्तावेजों की एक हिस्सा भेजा था। प्रारंभिक विश्लेषण में यह बात सामने आयी कि मंत्रालय ने वे सभी फाइलें एजेंसी को मुहैया नहीं करायी जिनकी वह मांग कर रही थी।

सीबीआई को कोयला आवंटन से जुड़े घोटाला मामले में 13 मामलों से संबंधित महत्वपूर्ण रिकार्ड की तलाश है जो उसने दर्ज किये हैं। इनमें कांग्रेस सांसद विजय दरडा का पत्र शामिल है जिसमें एएमआर आयर एंड स्टील के लिए कोयला ब्लाक का आवंटन करने के लिए सिफारिश की गई थी। यह कंपनी आरोपी कंपनियों में से एक है। गत सप्ताह सीबीआई ने 150 फाइलों और दस्तावेजों को प्राप्त नहीं के रूप में सूचीबद्ध किया था।

कोयला मंत्रालय को सौंपी सूची में सीबीआई ने वे फाइलें भी मांगी है जिसमें टाटा स्पॉन्ज आयरन प्राइवेट लिमिटेड को किये गए आवंटन, 26वीं अनुवीक्षण समिति के विवरण, झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड को किया गया आवंटन और अवर सचिव के के कक्कड़ की ओर से कंपनी को भेजा गया एजेंडा फॉर्म शामिल है।

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