फोटो गैलरी

Hindi News यूएस सैनिक मिजोरम में सीखेंगे गुरिल्ला युद्ध

यूएस सैनिक मिजोरम में सीखेंगे गुरिल्ला युद्ध

अमेरिका के 30 सैनिक भारतीय विशेषज्ञों से आतंकवाद विरोधी युद्ध की बारीकियां सीखने के लिए मिजोरम के जंगलों में तीन सप्ताह तक प्रशिक्षण हासिल करेंगे। एक भारतीय सैन्य अधिकारी ने बताया कि मिजोरम की...

 यूएस सैनिक मिजोरम में सीखेंगे गुरिल्ला युद्ध
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
ऐप पर पढ़ें

अमेरिका के 30 सैनिक भारतीय विशेषज्ञों से आतंकवाद विरोधी युद्ध की बारीकियां सीखने के लिए मिजोरम के जंगलों में तीन सप्ताह तक प्रशिक्षण हासिल करेंगे। एक भारतीय सैन्य अधिकारी ने बताया कि मिजोरम की राजधानी आईजोल से 100 किलोमीटर दूर स्थित आतंकवाद निरोधक जंगल युद्ध स्कूल (सीआईजेडब्ल्यूएस) में अमेरिकी सैनिकों का गैर परंपरागत युद्ध का प्रशिक्षण दो अगस्त से शुरू होगा। भारत के चार अधिकारियों सहित 30 कमांडो भी संयुक्त प्रशिक्षण में भाग लेंगे। अमेरिका की विशेष सेना ग्रीन बेरेट्स के 30 सैनिकों को शहरी आतंकवाद से निपटने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। अमेरिकी सैनिक इराक और अफगानिस्तान में शहरी आतंकवाद के अपने अनुभवों को भारतीय सैनिकों के साथ बाटेंगे। भारतीय सैनिक जम्मू एवं कश्मीर तथा पूर्वोत्तर राज्यों में आतंकवादियों के खिलाफ अपनाई जाने वाली रणनीति को अमेरिकी सैनिकों के सामने रखेंगे। वायरंगटे स्कूल में भारतीय और अमेरिकी सैनिकों के लिए अयास कार्यक्रम समान है। वायरंगटे आतंकवाद निरोधक स्कूल विश्व में आतंकवाद के खिलाफ प्रशिक्षण देने वाले गिने चुने संस्थानांे में शामिल किया जाता है। कई देशों के सैनिक यहां आतंकवाद से निपटने का प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। स्कूल के कमांडर के अनुसार स्कूल का आदर्श वाक्य है,‘गुरिा से गुरिा की तरह लड़ो।’ उन्होंने कहा कि एक बार यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद कोई सैनिक दुनिया में कहीं भी किसी भी प्रकार की खतरनाक हालत का सामना कर सकता है। पिछले चार वर्षो में करीब 250 अमेरिकी सैनिक यहां प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। यहां प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले सैनिकों को गुरिाओं के समान ही रहना पड़ता है। भारत सरकार ने 2001 में स्कूल में विदेशी सैनिकों को प्रशिक्षण शुरू किया था। पहले विदेशी प्रशिक्षण दल में तीन अमेरिकी अधिकारी शामिल थे। लेकिन सितंबर 2001 में न्यूयार्क में हुए आतंकवादी हमले के बाद वायरंगटे आतंकवाद विरोधी स्कूल ने विश्व के सुरक्षा बलों का ध्यान अपनी ओर खींचा। इस समय स्कूल 28 वर्ष से कम उम्र के सैनिकों के लिए आतंकवाद विरोधी और जंगल युद्ध के चार पाठय़क्रम संचालित कर रहा है। 60 के दशक में पूर्वोत्तर के विद्रोहियों के साथ संघर्ष में बड़ी संख्या में भारतीय सैनिकों के हताहत होने के बाद 10 मंे यह स्कूल स्थापित किया गया था।ं

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें