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आरोपित व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित करे अदालत: आयोग

निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि आपराधिक मामले में जिस व्यक्ति के खिलाफ अदालत में अभियोग निर्धारित हो गया हो उसे चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए। न्यायालय ने आयोग की...

आरोपित व्यक्ति को चुनाव लड़ने से वंचित करे अदालत: आयोग
एजेंसीTue, 20 Aug 2013 09:24 AM
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निर्वाचन आयोग ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि आपराधिक मामले में जिस व्यक्ति के खिलाफ अदालत में अभियोग निर्धारित हो गया हो उसे चुनाव लड़ने से वंचित किया जाना चाहिए। न्यायालय ने आयोग की इस दलील पर केन्द्र सरकार से जवाब मांगा है।

न्यायमूर्ति आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष निर्वाचन आयोग की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि चूंकि सारे साक्ष्यों की न्यायिक समीक्षा के बाद ही किसी मामले में अभियोग निर्धारित किये जाते हैं, इसलिए ऐसे अभियुक्तों को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि उसके पास सार्वजनिक पद के लिये अनिवार्य निष्ठा और श्रेष्ठता का पैमाना नहीं रहता।

उन्होंने कहा कि जब किसी संगीन अपराध में एक व्यक्ति पर आरोप होता है और जहां पहली नजर में अदालत उसकी संलिप्तता के बारे में संतुष्ट लगती है और इसके परिणामस्वरूप ऐसे व्यक्ति के खिलाफ अभियोग निर्धारित करती है तो ऐसे व्यक्ति को निर्वाचन प्रक्रिया से दूर रखने को व्यापक जनहित में तर्कसंगत पाबंदी माना जायेगा।

आयोग ने कहा कि इस तरह के मामले में एक व्यक्ति के चुनाव लड़ने के लिये उसका दोष सिद्ध होने तक व्यक्ति को निर्दोष मानने का सिद्धांत लागू नहीं होना चाहिए। आयोग ने कहा कि यह ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि किसी भी आरोपी के खिलाफ अभियोग निर्धारण की कार्यवाही सक्षम अदालत द्वारा न्यायिक नजरिये से आरोपों और साक्ष्यों की न्यायिक समीक्षा के बाद ही की जाती है। इसलिए आरोपी के खिलाफ आरोपों का न्यायिक संज्ञान लेने के बाद जब अदालत पहली नजर में यह पाती है कि आरोपी के खिलाफ मामला बनता है तब ही अभियोग निर्धारित किये जाते हैं।

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