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सोढ़ी के नाम पर प्रक्रिया को लेकर उठे सवाल

निशानेबाज रंजन सोढ़ी के नाम की प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए सिफारिश पर मंगलवार को विवाद पैदा हो गया क्योंकि चयन पैनल में शामिल कुछ सदस्यों ने उनके चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाये। पता चला है...

सोढ़ी के नाम पर प्रक्रिया को लेकर उठे सवाल
एजेंसीTue, 13 Aug 2013 11:33 PM
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निशानेबाज रंजन सोढ़ी के नाम की प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए सिफारिश पर मंगलवार को विवाद पैदा हो गया क्योंकि चयन पैनल में शामिल कुछ सदस्यों ने उनके चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाये।

पता चला है कि जब अधिकतर सदस्यों ने खेल रत्न पुरस्कार के लिए मतदान करने का फैसला किया तो सोढ़ी का नाम शामिल नहीं था लेकिन बाद में उसे विचार के लिए लाया गया। चयन पैनल के एक सदस्य ने कहा कि पैनल के 12 में से 10 सदस्यों (साई के दो अधिकारियों को छोड़कर) ने राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता चक्का फेंक की एथलीट कृष्णा पूनिया और लंदन परालम्पिक के रजत पदक विजेता एचएन गिरिशा को मतदान के लिए चुना था और शुरू में सोढ़ी के नाम पर विचार नहीं किया गया था।

पूरा दृश्य तब बदल गया जब एक अन्य सदस्य और पूर्व निशानेबाज बैठक में देर से आया और गिरिशा का नाम हटा दिया गया। इसके बाद सोढ़ी और पूनिया के बीच मतदान हुआ। चयन पैनल के सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा कि चयन पैनल के 12 सदस्यों में से दस बैठक के शुरू में मौजूद थे। दो सदस्य बाद में बैठक में पहुंचे थे। हम दस सदस्यों ने पूनिया और गिरिशा के बीच खेल रत्न के लिए मतदान कराने का फैसला किया लेकिन एक सदस्य के आने के बाद सोढ़ी का नाम भी शामिल हो गया।

पता चला है कि पहले पूनिया के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया गया था क्योंकि अधिकतर सदस्य उसके पक्ष में थे। पैनल के सदस्य के अनुसार मतदान हाथ उठाकर किया गया जिसमें सोढ़ी और पूनिया को बराबर मत मिले। साई के दो अधिकारियों के समर्थन के कारण सोढ़ी के नाम की सिफारिश की गई।

एक अन्य सदस्य ने कहा कि साई के दो प्रतिनिधि पहले गिरिशा के पक्ष में थे लेकिन बाद में उन्होंने सोढ़ी का समर्थन किया। साई अधिकारियों को हालांकि मतदान का अधिकार नहीं है। चयन पैनल के सदस्य ने कहा कि खेल रत्न की सिफारिश के लिए बहुत शर्मनाक राजनीति खेली गई। मुझे इसका आभास तक नहीं था। पहले साई अधिकारी गिरिशा का समर्थन कर रहे थे जबकि पूनिया और उसके बीच मतदान होना था। लेकिन जब सोढ़ी का नाम आया तो वे उसे समर्थन करने लगे। असल में सोढ़ी और पूनिया के बीच टाई हो गया था लेकिन साई अधिकारियों का समर्थन सोढ़ी को मिला।

उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने पूनिया और सोढ़ी दोनों के नाम की सिफारिश करने का सुझाव दिया क्योंकि पहले भी ऐसा हो चुका है। पैनल के एक अन्य सदस्य ने दावा किया कि सोढ़ी के नाम की सिफारिश करने का सर्वसम्मत फैसला किया गया और सदस्यों में कोई मतभेद नहीं था। इस बारे में जब समिति के अध्यक्ष फरेरा से संपर्क किया गया तो उन्होंने टिप्पणी करने से इन्कार कर दिया।

पूनिया ने कहा कि वह कल इस मसले को खेल मंत्री जितेंद्र सिंह के समक्ष रखेगी। उन्होंने कहा कि हम कल खेल मंत्री के लिए लिखेंगे और जरूरी हुआ तो उनसे मिलेंगे भी। चयन पैनल की बैठक में जो कुछ हुआ उससे मैं वास्तव में निराश हूं।

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