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Hindi News'संसद सत्र पर तेलंगाना मुद्दे की पड़ सकती है छाया'

'संसद सत्र पर तेलंगाना मुद्दे की पड़ सकती है छाया'

कांग्रेस और केंद्र की संप्रग सरकार पर तेलंगाना मुद्दे से गलत ढंग से निपटने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि वह अपनी ओर से संसद चलाने में पूरा सहयोग करेगी, लेकिन उसे आशंका है कि सत्र के...

'संसद सत्र पर तेलंगाना मुद्दे की पड़ सकती है छाया'
एजेंसीSun, 04 Aug 2013 03:33 PM
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कांग्रेस और केंद्र की संप्रग सरकार पर तेलंगाना मुद्दे से गलत ढंग से निपटने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने रविवार को कहा कि वह अपनी ओर से संसद चलाने में पूरा सहयोग करेगी, लेकिन उसे आशंका है कि सत्र के कामकाज पर तेलंगाना मुद्दे की छाया पड़ सकती है।

मुख्य विपक्षी पार्टी ने कहा कि वह खाद्य सुरक्षा विधेयक पर नीतिगत रूप से सहमत है, लेकिन इसके कई आयामों पर चर्चा जरूरी है। वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर भाजपा संसदीय दल की कार्यकारी समिति की करीब दो घंटा चली बैठक के बाद राज्यसभा में पार्टी के उपनेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बैठक में संसद सत्र में पार्टी की ओर से उठाये जाने वाले गंभीर विषयों पर चर्चा की गई।

उन्होंने कहा कि हम उत्तराखंड त्रासदी, खराब आर्थिक स्थिति, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोर स्थिति, सीबीआई-आईबी गतिरोध, चीन का आक्रामक रुख, तेलंगाना जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उठायेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह से तेलंगाना मुद्दे से गलत ढंग से निपटा गया है, उससे पूरे क्षेत्र में अशांति की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कांग्रेस ने यह पूरी तरह से राजनीतिक कारणों से किया है और ऐसे समय में किया है, जब चुनाव करीब आ रहे हैं।

प्रसाद ने कहा कि भाजपा संसद में कामकाज चलाना चाहती है और इस दिशा में ईमानदारी से प्रयास भी करेंगे, लेकिन जिस तरह से तेलंगाना मुद्दे से गलत ढंग से निपटा गया है, उससे हमें आशंका है कि इसकी छाया संसद सत्र पर पड़ सकती है।

भाजपा नेता ने कहा कि जब राजग की सरकार थी तब छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड तीन राज्यों का गठन किया गया और यह शांतिपूर्ण प्रक्रिया के तहत सम्पन्न हुआ। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि हमारा मकसद राजनीतिक नहीं, बल्कि उद्देश्य पर आधारित था। जबकि कांग्रेस ने इस विषय को राजनीतिक बना दिया।

खाद्य सुरक्षा विधेयक के बारे में एक सवाल के जवाब में प्रसाद ने कहा कि हम नीतिगत रूप से इसका समर्थन करते हैं, लेकिन इसके विभिन्न आयामों पर चर्चा जरूरी है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर खाद्य सुरक्षा विधेयक पर हमें काफी कुछ कहना है। छत्तीसगढ़ सरकार ने एक खाद्य सुरक्षा कानून बनाया है और इसकी काफी प्रशंसा की गई है।

भाजपा नेता ने कहा कि इस विधेयक के संदर्भ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने और इसे लागू करने से जुड़े वित्तीय विषयों पर भी विस्तार से चर्चा किये जाने की जरूरत है। संप्रग को बाहर से समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी की ओर से कांग्रेस को खाद्य सुरक्षा विधेयक का समर्थन नहीं करने संबंधी खबर के बारे में पूछे जाने पर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और सपा में क्या संबंध है, इस बारे में हम कुछ नहीं कहना चाहते। यह रोज बदलते रहते हैं।

आडवाणी की अध्यक्षता में हुई भाजपा संसदीय दल की कार्यकारी समिति की बैठक में पार्टी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह सहित कई अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया।

गौरतलब है कि संसद का मानसून सत्र 5 से 30 अगस्त के बीच निर्धारित है, हालांकि कुछ दलों द्वारा इस सत्र की अवधि को कम बताए जाने पर सरकार ने आश्वासन दिया है कि अगर आवश्यकता पड़ी तो इसे और बढ़ाया जा सकता है। इस सत्र में विचार के लिए 44 विधेयक रखे जाने हैं, 6 वापस लिए जाने हैं और 14 अन्य पेश किए जाने हैं, लेकिन सत्र में केवल 16 बैठकें होना निर्धारित है।

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