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अधिकारियों ने आठ माह में भी नहीं दी जानकारी

सरकारी कामकाज में परामर्शियों को हुए भुगतान की जानकारी सरकार को नहीं मिल पायी है। सरकार ने सभी विभागीय सचिवों से एक सप्ताह के अंदर यह सूचना मांगी थी। आठ माह बीत गया, लेकिन सूचना उपलब्ध नहीं हो सकी।...

 अधिकारियों ने आठ माह में भी नहीं दी जानकारी
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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सरकारी कामकाज में परामर्शियों को हुए भुगतान की जानकारी सरकार को नहीं मिल पायी है। सरकार ने सभी विभागीय सचिवों से एक सप्ताह के अंदर यह सूचना मांगी थी। आठ माह बीत गया, लेकिन सूचना उपलब्ध नहीं हो सकी। राज्य बनने के बाद कमोबेश सभी विभाग में परामर्शियों की सेवा ली गयी है। एक अनुमान के मुताबिक सौ करोड़ से अधिक का भुगतान परामर्श के नाम पर किया गया। सरकार को कई विभागों से प्रावधानों के विपरीत परामर्शियों को भुगतान करने की सूचना मिली थी। इसके बाद तत्कालीन विकास आयुक्त ने सचिवों से इस मामले में प्रतिवेदन की मांग की थी। उन्होंने सचिवों से पूछा था कि परामर्शियों द्वारा तैयार प्रतिवेदन पर क्या कार्रवाई हुई है। सरकार के लिए परामर्शियों की सेवा, कहां तक जरूरी था। योजना विभाग को सभी जानकारी विभागीय सचिवों द्वारा भेजी जानी थी। दिलचस्प है कि योजना विभाग भी रिपोर्ट नहीं आने पर विभागीय सचिवों से न तो दोबारा जानकारी भेजने को कहा और न ही किसी से सपष्टीकरण पूछा गया। स्वास्थ्य, पथ निर्माण, भवन निर्माण, नगर विकास जसे विभागों में बड़े पैमाने पर परामर्शियों की सेवा ली गयी है। उसके प्रतिवेदनों पर चार वर्ष के बाद भी कोई कार्रवाई शुरू नहीं हुई है।

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