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मंदिर में भगदड़,146 मर

भूस्खलन की अफवाह से हिमाचल के नैना देवी में हादसा हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले के प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर परिसर में रविवार को भूस्खलन की अफवाह से भगदड़ मच गई। इसमें कम से कम 146 लोगों की मौत...

 मंदिर में भगदड़,146 मर
लाइव हिन्दुस्तान टीमSun, 15 Mar 2009 01:00 PM
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भूस्खलन की अफवाह से हिमाचल के नैना देवी में हादसा हिमाचल प्रदेश में बिलासपुर जिले के प्रसिद्ध नैना देवी मंदिर परिसर में रविवार को भूस्खलन की अफवाह से भगदड़ मच गई। इसमें कम से कम 146 लोगों की मौत हो गई और 400 से यादा घायल हो गए। मृतकों में अधिकतर बच्चे व महिलाएँ हैं। करीब 70 लोगों के शव निकालेोा चुके हैं। हिमाचल सरकार ने मृतकों के परिानों को एक-एक लाख व गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हाार रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा की है।ड्ढr हिमाचल प्रदेश के प्रमुख सचिव पीसी कपूर ने बताया कि एक किलोमीटर की ऊँचाई पर स्थित मंदिर में रोाना हाारों लोग पूाा-अर्चना के लिए आते हैं। श्रावण नवरात्र की अष्टमी के कारण रविवार को भीड़ यादा थी। सुबह पौने 11 बो के करीब सिंह द्वार के पास करीब पाँच सौ लोग कतार में लगे थे। इतने में अफवाह फैली कि पहाड़ से पत्थर गिर रहे हैं। लोगोान बचाने के लिए भागे। भीड़ का दबाव बढ़ने से एक ओर की रलिंग टूट गई। रेलिंग टूटने से कई महिलाएँ, बच्चे और पुरुष पहाड़ी से नीचे गिर गए। पुलिस ने भीड़ को काबू करने की कोशिश की लेकिन लोगों की संख्या इतनी अधिक थी कि वे एक दूसर को रौंदते हुए भागने लगे। घटनास्थल पर उच्चाधिकारी पहुँच गए हैं। मृतकों में यादातर महिलाएँ व बच्चे हैं। कपूर ने बताया कि रास्ता काफी पतला है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। राहत और बचाव कार्य चल रहा है। कई मेडिकल टीमें घटनास्थल पर ोी गई हैं। बचाव कार्य में छह एम्बुलेंस लगाई गई हैं। घायलों को हिमाचल व पंजाब के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। बचाव एवं राहत कार्य के लिए आनंदपुर साहिब से पंजाब पुलिस के अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजे गए हैं। बारिश के कारण राहत कार्य में कठिनाई आ रही है। आनंदपुर साहिब से नैना देवी के लिए अस्थाई रूप से यातायात को रोक दिया गया है।ड्ढr प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि नैना देवी में दस दिनों तक चलने वाला यह मेला शनिवार को शुरू हुआ था। रविवार को करीब 50 हाार श्रृद्धालुओं की भीड़ थी। यह मंदिर पांाब और हरियाणा से सटे इलाके में पड़ता है और अधिकतर श्रृद्धालु यहीं से आए थे। मार गए अधिकतर लोग पांाब के रोपड़,ोालंधर, पटियाला, लुधियाना, फतेहगढ़ साहिब और हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, चंडीगढ़ और पंचकूला के हैं।ोब भगदड़ मची तो महिलाओं और बच्चों के लिए भागना मुश्किल हो गया। इसलिए सबसे अधिक वही दुर्घटना के शिकार हुए। करीब 30 बच्चों के मरने के आशंका है।

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