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इशरत मामले के सभी पक्षों की जांच चल रही है: सीबीआई

सीबीआई इशरत जहां मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रही है। इसमें कुछ गवाहों का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ के पीछे राजनैतिक साजिश की जानकारी होने का दावा...

इशरत मामले के सभी पक्षों की जांच चल रही है: सीबीआई
एजेंसीFri, 05 Jul 2013 07:57 PM
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सीबीआई इशरत जहां मामले की सभी पहलुओं से जांच कर रही है। इसमें कुछ गवाहों का बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने गुजरात पुलिस द्वारा किए गए फर्जी मुठभेड़ के पीछे राजनैतिक साजिश की जानकारी होने का दावा किया है।

सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा ने कहा कि हम उससे संबंधित सभी पहलुओं की जांच कर रहे हैं। सिन्हा से पूछा गया था कि क्या सीबीआई पुलिस उपाधीक्षक डी एच गोस्वामी द्वारा मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए गए बयान की जांच कर रही है, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर दावा किया कि अपराध शाखा के डीआईजी डीजी वंजारा ने मुठभेड़ के लिए गुजरात के राजनैतिक नेतृत्व से अनुमति हासिल की थी।

वन्यजीव अपराध पर इंटरपोल सम्मेलन से इतर संवाददाताओं से यहां बातचीत में सिन्हा ने कहा कि सीबीआई मामले की अपनी जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी समेत अन्य एजेंसियों से सहायता ले रही है।

वह उस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या एजेंसी ने मुंबई हमले के षडयंत्रकारी अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली के उस दावे के संबंध में एनआईए से संपर्क किया है, जिसमें उसने दावा किया था कि इशरत लश्कर—ए—तय्यबा की आतंकवादी थी। गुजरात पुलिस ने इशरत और तीन अन्य को मुठभेड़ में मार गिराया था।

सीबीआई ने अपने पहले आरोपपत्र में कहा है कि 2004 का मुठभेड़ फर्जी था। सिन्हा ने कहा कि खुफिया ब्यूरो जांच एजेंसी के साथ सहयोग कर रहा है।

कोयला घोटाले के मुद्दे पर सिन्हा ने कहा कि एजेंसी ने उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल की सेवा ली है। सीबीआई के वकील उदय यू ललित ने नवीन जिंदल और उनकी कंपनी जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के मददेनजर एजेंसी के वकील के तौर पर खुद को अलग कर लिया है।

उन्होंने उन सवालों का जवाब देने से इंकार कर दिया कि क्या सीबीआई के मामले से समझौता हुआ है, क्योंकि ललित को इस मामले में जिंदल के खिलाफ एजेंसी द्वारा जुटाए गए सबूतों के बारे में जानकारी हो सकती है। ललित ने कथित तौर पर अति संवेदनशील मामले की सुनवाई में हिस्सा लेने में अपनी अक्षमता जाहिर की है क्योंकि वह कांग्रेस सांसद जिंदल के स्वामित्व वाली खनन कंपनी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

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