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मृतकों की संख्या 10000 हो सकती है: विधानसभा अध्यक्ष

उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़ एवं भूस्खलन के दो हफ्ते बाद राज्य विधानसभा के अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने आज दावा किया कि मृतकों की संख्या दस हजार से ज्यादा हो सकती है जबकि आधिकारिक आंकड़ा एक हजार से...

मृतकों की संख्या 10000 हो सकती है: विधानसभा अध्यक्ष
एजेंसीSun, 30 Jun 2013 01:00 PM
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उत्तराखंड में अचानक आई बाढ़ एवं भूस्खलन के दो हफ्ते बाद राज्य विधानसभा के अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने आज दावा किया कि मृतकों की संख्या दस हजार से ज्यादा हो सकती है जबकि आधिकारिक आंकड़ा एक हजार से कम है।

देहरादून में मुख्य सचिव सुभाष कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि बद्रीनाथ इलाके में दिन के समय में राहत कार्य फिर शुरू हो गया है जो खराब मौसम के कारण बाधित हो गया था और कुछ ग्रामीणों सहित 1313 श्रद्धालुओं को निकाला गया जिनमें 600 को हेलीकाप्टर से और शेष को सड़क मार्ग से बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि करीब 500 लोगों को अब भी निकाला जाना शेष है।

रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिले के 600 से ज्यादा गांवों में आवश्यक सामग्री मुहैया कराने के लिए युद्धस्तर पर काम जारी है। ये इलाके बाढ़ से कट गए थे। अधिकारियों ने कहा कि इन गांवों में अब तक 2379 मीट्रिक टन गेहूं और 2875 मीट्रिक टन चावल पहुंच चुका है। लगातार बदल रहे मौसम से राहत का काम-काज प्रभावित हो रहा है क्योंकि राहत सामग्री केवल हवाई मार्ग से पहुंचाई जा रही है।

अल्मोड़ा में कुंजवाल ने दावा किया कि मरने वालों की संख्या दस हजार को पार कर सकती है। आधिकारिक आंकड़ा 822 है। कुंजवाल ने संवाददाताओं से कहा कि मैं जब गढ़वाल क्षेत्र से लौटा तो मेरा मानना था कि मरने वालों की संख्या 4000 से 5000 हो सकती है। लेकिन अब मुझे मिल रही सूचना और लोगों द्वारा शवों को देखे जाने के बाद मैं कह सकता हूं कि आंकड़ा दस हजार को पार कर सकता है।

आपदा के 14 दिनों बाद भी मरने वालों की संख्या बताने से इंकार करते हुए मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि यह संख्या एक हजार से ज्यादा हो सकती है। मुख्यमंत्री के मुताबिक मलबे को हटाने के बाद ही मरने वाले लोगों की संख्या का पता चल सकता है।

मुख्य सचिव ने कहा कि स्पष्ट तस्वीर कुछ दिनों में सामने आएगी क्योंकि लापता लोगों का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है। लापता लोगों की संख्या करीब 3000 बताई जाती है। बाढ़ के कारण उत्तराखंड में सड़क संपर्क बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुका है। टिहरी में 259, देहरादून में 139, उत्तरकाशी में 132, चमोली में 110 और रूद्रप्रयाग जिले में 71 सड़के टूट चुकी हैं। भागीरथी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद नदी किनारे रहने वाले करीब 200 से ज्यादा परिवार को सुरक्षित स्थानों की ओर जाने के लिए कहा गया है। बहरहाल, मौसम विज्ञान विभाग ने लोगों की आशंका को खारिज करने का प्रयास किया और कहा कि ग्लेशियरों के पिघलने के कारण जलस्तर बढ़ा है और बाढ़ का खतरा नहीं है।

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