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केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल की संभावना

केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल अगले पखवाड़े तक किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल छह जून से 12 जून के बीच हो सकता है और लोकसभा चुनाव के लिए एक वर्ष से भी कम समय शेष...

केंद्रीय मंत्रिमंडल में जल्द फेरबदल की संभावना
एजेंसीSun, 02 Jun 2013 02:35 PM
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केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल अगले पखवाड़े तक किया जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रिमंडल में फेरबदल छह जून से 12 जून के बीच हो सकता है और लोकसभा चुनाव के लिए एक वर्ष से भी कम समय शेष रहने के बीच संप्रग 2 सरकार का यह अंतिम फेरबदल हो सकता है।

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को संकेत दिया था कि मंत्री परिषद में रिक्त पदों को देखते हुए फेरबदल हो सकता है। जापान और थाईलैण्ड की यात्रा से लौटते हुए सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि कुछ रिक्तियां हैं। इसे भरने के मुद्दे पर विचार किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि पीके बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफा देने से खाली हुए स्थानों को भरने के लिए क्या मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार किया जा रहा है। गौरतलब है कि रेलवे रिश्वत मामले में भांजे और रेलवे बोर्ड के एक सदस्य के शामिल होने की बात सामने आने के बाद बंसल ने रेल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जबकि अश्विनी कुमार ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई रिपोर्ट देखने के मामले में विवाद पर इस्तीफा दिया था।

रेल मंत्रालय का कार्यभार सड़क एवं राजमार्ग मंत्री सीपी जोशी को दिया गया है, जबकि विधि मंत्रालय का प्रभार दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल को दिया गया है। द्रमुक और तृणमूल कांग्रेस के एक वर्ष से भी कम समय के भीतर संप्रग सरकार से समर्थन वापस लेने के कारण खाली हुए कई स्थानों को भी भरा जाना है।

इस वर्ष 20 मार्च को द्रमुक के पांच मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद मंत्री परिषद में कोई फेरबदल नहीं किया गया। द्रमुक के सदस्य वित्त, वाणिज्य एवं उद्योग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सामाजिक न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री थे। इस पार्टी से केवल एक कैबिनेट मंत्री एमके अलागिरि थे जिनके पास रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय था।

टूजी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले के सिलसिले में द्रमुक के दो कैबिनेट मंत्रियों दयानिधि मारन और ए राजा ने इस्तीफा दे दिया था। द्रमुक ने अपने कोटे से इन रिक्तियों को भरने के लिए किसी प्रतिनिधि का नाम आगे नहीं बढ़ाया था। इसके अलावा कई और मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय का प्रभार है। इनसे अतिरिक्त मंत्रालयों प्रभार वापस लेकर किसी अन्य को दिया जा सकता है।

इसके साथ ही कई मंत्रियों से मंत्री पद छोड़ने को कहा जा सकता है क्योंकि पार्टी अगले लोकसभा चुनाव से पहले इन्हें संगठनात्मक कार्यों से जोड़ना चाहती है। कांग्रेस के संगठन में भी इसके साथ या बाद में फेरबदल किया जा सकता है।

 

 

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