कटघर में है पूरी विधायिका : किशोर
झारखंड की दुर्दशा के लिए कार्यपालिका से कहीं ज्यादा जिम्मेवार विधायिका है। कार्यपालिका पर नियंत्रण विधायिका करती है। विधायिका नीति निर्धारित करती है। नीति को लागू करने का काम कार्यपालिका का है। जब...
झारखंड की दुर्दशा के लिए कार्यपालिका से कहीं ज्यादा जिम्मेवार विधायिका है। कार्यपालिका पर नियंत्रण विधायिका करती है। विधायिका नीति निर्धारित करती है। नीति को लागू करने का काम कार्यपालिका का है। जब विधायिका कार्यपालिका पर अपना नियंत्रण खो देती है, तभी न्यायपालिका को हस्तक्षेप करना पड़ता है। जदयू विधायक राधाकृष्ण किशोर ने सरकारी कामकाज पर झारखंड हाइकोर्ट की तल्ख टिप्पणी को उचित ठहराते हुए विधायिका को चेतने की जरूरत बतायी। किशोर राज्य की वर्तमान परिस्थिति पर हिन्दुस्तान के साथ अपनी राय जाहिर कर रहे थे। किशोर कहते हैं कि जब विधायिका लोकहित के विषयों से पलायन करने लगती है, तब न्यायपालिका हस्तक्षेप करती है। कार्यपालिका राज्य की मंत्रिपरिषद के प्रति जिम्मेवार होती है। मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति उत्तरदायी होती है। एसे में पूरी विधायिका ही कठघर में खड़ी है। विधायक किशोर कहते हैं कि जनहित की छोटी-छोटी जरूरतें सरकार पूरी नहीं करती, तभी आम आदमी न्यायालय की शरण में जाता है। यह विधायिका के लिए चिंता का विषय है। किशोर कहते हैं कि संसदीय लोकतंत्र में विधायिका ही जनता के प्रति जिम्मेवार है।