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राजीव शुक्ला ने श्रीनिवासन को दी नेक सलाह

बीसीसीआई अध्यक्ष पर बुधवार को पद छोड़ने का दबाव उस समय बढ़ गया, जब बोर्ड के दो बड़े अधिकारियों आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनके दामाद के...

राजीव शुक्ला ने श्रीनिवासन को दी नेक सलाह
एजेंसीWed, 29 May 2013 03:15 PM
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बीसीसीआई अध्यक्ष पर बुधवार को पद छोड़ने का दबाव उस समय बढ़ गया, जब बोर्ड के दो बड़े अधिकारियों आईपीएल चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में उनके दामाद के खिलाफ जांच पूरी होने तक उन्हें दूर रहने को कहा।

बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी ज्योतिरादित्य सिंधिया के विरोध की आवाज उठाने के बाद शुक्ला और जेटली ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए भारतीय क्रिकेट की छवि की खातिर श्रीनिवासन पर बोर्ड से दूर रहने के लिए दबाव बढ़ा दिया है।

इससे संकेत मिल रहे हैं कि बोर्ड के अहम सदस्यों ने अपना रुख कड़ा कर दिया है जिसमें कई सक्रिय राजनेता भी शामिल हैं और वे अन्य लोगों को भी इस तरह की मांग के लिए राजी कर सकते हैं। शुक्ला ने जेटली के साथ बैठक के बाद कहा कि वह निर्वाचित अध्यक्ष हैं। हमारा यह नजरिया है कि यह अच्छा होगा कि वह प्रक्रिया से दूर रहें।

जेटली का भी यही मानना है। हमने यह सुझाव दिया है और इस मुद्दे पर फैसला उन्हें करना है। उन्होंने हमें कहा है कि उनकी कोई गलती नहीं है और उन्हें सजा क्यों दी जा रही है। इस प्रकरण का खुलासा होने के बाद से ही श्रीनिवासन ने अड़ियल रुख अपनाते हुए पद छोड़ने से इनकार कर दिया है और साथ ही जोर देकर कहा है कि उनका इस्तीफा सिर्फ उनके पीछे पड़ी मीडिया मांग रही है।

श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नई सुपर किंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन ने मुंबई पुलिस ने सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शुक्ला ने कहा कि मयप्पन और राजस्थान रॉयल्स के तीन खिलाड़ियों तथा इस फ्रेंचाइजी और चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ जांच कर रही तीन सदस्यीय जांच समिति निष्पक्ष होगी और इसकी रिपोर्ट बीसीसीआई से सलाह मशविरे के बिना सीधे लागू की जाएगी।

शुक्ला ने कहा कि जांच समिति नियुक्त की गई है और हम चाहते थे कि इसमें बहुमत में लोग बाहर से हों। यही कारण है कि हमने जो न्यायाधीशों को इसमें शामिल किया। हमने सुझाव दिया है कि इसी रिपोर्ट बीसीसीआई के पास नहीं जाए और इसके निष्कर्षों की जैसे हैं वैसे ही सिफारिश की जाए। हम यही चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम निष्पक्ष जांच चाहते हैं और चाहते हैं कि सभी दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। हमें अब जांच की रिपोर्ट का इंतजार है।

कर्नाटक और मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व न्यायधीश न्यायमूर्ति टी जयराम चाउता, आर बालासुब्रहमण्यम और बीसीसीआई सचिव संजय जगदाले आयोग के सदस्य होंगे। शुक्ला से जब यह पूछा गया कि आज की बैठक में उन्होंने जेटली के साथ क्या चर्चा की तो उन्होंने कहा कि हमने बोर्ड के सभी सदस्यों के साथ बात की और हमने बोर्ड की छवि और क्रिकेट की छवि के बारे में भी बात की।

आज की बैठक के साथ मौजूदा विवाद में बोर्ड के रुख में बड़ा बदलाव देखा गया है। शुक्ला और जेटली ने इससे पहले कभी सामने आकर श्रीनिवासन को बाहर करने की मांग नहीं की थी जिसके अटकलें लगाई जा रही है कि विवाद पर मीडिया के लगातार नजरे बनाए रखने से उन पर कुछ दबाव आ गया है।

बीसीसीआई के तीन पदाधिकारियों, जो तीनों बड़े राजनेता भी हैं, के श्रीनिवासन को अस्थाई तौर पर बाहर करने की मांग के बाद यह देखना रोचक होगा कि बोर्ड अध्यक्ष क्या रुख अपनाते हैं। इससे पहले श्रीनिवासन कह चुके हैं कि बोर्ड में किसी ने भी उनसे इस्तीफा नहीं मांगा।

पता चला है कि शुक्ला और जेटली ने श्रीनिवासन से कोलकाता में रविवार को बैठक के दौरान नैतिकता के आधार पर पद छोड़ने को कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया।

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