बंटवारे की राजनीति छोड़ें : मनमोहन
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सभी राजनीतिक दलों से समस्या का हल निकालने के लिए मिलजुल कर काम करने का अनुरोध किया...
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अमरनाथ भूमि विवाद को लेकर जम्मू-कश्मीर में जारी हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सभी राजनीतिक दलों से समस्या का हल निकालने के लिए मिलजुल कर काम करने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री ने 62वें स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए आगाह किया कि बंटवारे की राजनीति हमें कहीं का नहीं छोड़ेगी, इसलिए सभी दलों को देश हित को ध्यान में रखते हुए मिलजुल कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षो से अमरनाथ यात्रा हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के बीच आपसी प्रेम और भाइचारे की मिसाल रही है। अमरनाथ धाम हमें मिलकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहा है। अमरनाथ यात्रा के दौरान वर्षो से वहां हिन्दू यात्रियों की देखभाल मुस्लिम परिवार करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में यात्रियों को अच्छी से अच्छी सुविधाएं देने का काम शांति एवं सद्भाव के माहौल में ही किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने इस यात्रा को लेकर राजनीति की रोटियां सेक रहे दलों को आगाह करते हुए कहा कि धर्म के नाम पर लोगों को बांटने से स्थिति और पेचीदा होगी और देश की एकता को भी खतरा हो सकता है, इसलिए हम सभी को मसले का हल बातचीत और शांतिपूर्ण तरीके से निकालना होगा। उन्होंने जनता से भी अमन एवं शांति कायम करने में सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि बातचीत से किसी भी मसले को सुलझाया जा सकता है। आपसी मतभेद दूर करने के लिए बातचीत का रास्ता अपनाने पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि बंटा हुआ मुल्क और समाज कभी भी आने वाली चुनौतियों का सामना नहीं कर सकता। उन्होंने विकास के मामले में क्षेत्रीय असंतुलन पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि उनकी सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता पूर्वक ध्यान दे रही है। कुछ क्षेत्रों में तेजी से विकास हुआ है जो खुशी की बात है, लेकिन कुछ हिस्से पीछे रह गए हैं यह चिंता की बात है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार जम्मू-कश्मीर और पूवर्ोत्तर क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दे रही है। इन क्षेत्रों में सरकारी निवेश बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि विकास के लिए शांति और अमन चैन का माहौल होना जरुरी है। सरकार ने इस संदर्भ में कई पहल की है और आगे भी करती रहेगी।ं