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मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह की सुनवाई के लिए पीठ गठित

पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पलटने और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए निर्देश की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने...

मुशर्रफ के खिलाफ राजद्रोह की सुनवाई के लिए पीठ गठित
एजेंसीSat, 20 Apr 2013 09:01 PM
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पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पलटने और वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने के लिए पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने के लिए निर्देश की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए शनिवार को तीन सदस्यीय पीठ का गठन किया।

सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि जस्टिस जव्वाद एस ख्वाजा पीठ का नेतृत्व करेंगे जिसमें दो अन्य सदस्य जस्टिस खिलजी आरिफ हुसैन और जस्टिस एजाज अफजल खान होंगे। पीठ इस मामले में याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करेगी।

अदालत ने कहा कि मुशर्रफ के वकीलों ने वृहद पीठ के गठन के लिए आवेदन दायर किया था। उसमें मांग की गई थी कि पाकिस्तान के चीफ जस्टिस मामले के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गौर करें और याचिकाओं पर निर्णय करने के लिए या तो पूर्ण अदालत या एक वृहद पीठ का गठन करें।

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सवालों पर अभी जवाब दाखिल नहीं किया है कि क्या वह मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा शुरू करना चाहती है। सूचना मंत्री आरिफ निजामी के मुताबिक उम्मीद है कि सरकार अपना जवाब सोमवार को दाखिल करेगी।

अटॉर्नी जनरल ने हाल में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि कार्यवाहक सरकार का शासनादेश सीमित है और वह 11 मई के संसदीय चुनाव पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती है। न्यायाधीशों ने हालांकि कहा कि कार्यवाहक सरकार मामले को शुरू कर सकती है। पाकिस्तानी सीनेट ने कल एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें वर्ष 2007 में आपातकाल लगाने और संविधान को पलटने के लिए मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने का आह्वान किया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के बयान में कहा गया है कि चीफ जस्टिस ने मुशर्रफ के राजद्रोह के लिए याचिकाओं की सुनवाई के लिए तीन सदस्यीय एक पीठ का गठन किया है। मुशर्रफ के खिलाफ देशद्रोह का मामला चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पांच याचिकाएं दायर की गई हैं। अब उन सभी को आपस में जोड़ दिया गया है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि देशद्रोह का मुकदमा सरकार की याचिका पर शुरू किया जा सकता है।

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